पीलीभीत: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का जो कदम उठाया है, उसमें प्रशिक्षण लेकर बड़ी मात्रा में युवा अपना स्वरोजगार कर रहे हैं और विभिन्न सरकारी, निजी संस्थाओं में नौकरी कर रहे हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में परम्परागत शिल्पकार एवं कुशल कारीगर उपलब्ध है, जिनके द्वारा उत्पादित सामग्री की देश व प्रदेश में व्यापक मांग है। प्रदेश के कारीगरों, शिल्पकारों द्वारा कई उत्पादित वस्तुओं का अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है, किन्तु उत्पादों के शिल्पकारों, बुनकरों, कारीगरों के प्रमाणीकरण की समुचित व्यवस्था न होने से बस्तुओं की विक्री में कठिनाई आ रही थीं इन स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पहली बार पूर्वार्जित प्रशिक्षण को मान्यता योजना (रिकग्निशन आफ प्रायर लर्निंग) आर.पी.एल. के माध्यम से कारीगरों को प्रशिक्षित जाने हेतु आवश्यक स्वीकृति प्रदान कर दी है।
आर.पी.एल. (रिकग्निशन आफ प्रायर लर्निंग) कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा किया जा चुका है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व में प्रशिक्षित कारीगरों, शिल्पकारों को जिनके उत्पादों का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नही थी, उन्हें अल्प अवधि का प्रशिक्षण देते हुए प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की परीक्षा, मूल्यांकन कराने के उपरान्त ही प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। आर.पी.एल. योजना के अंतर्गत पूर्वार्जित प्रशिक्षण को मान्यता प्रदान करने के लिए शिल्पकारो, कारीगरो का भी मूल्यांकन कराते हुए मान्यता प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों पर आने वाले व्यय को उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के अंतर्गत स्थापित राज्य कौशल विकास निधि द्वारा वहन किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार का ध्येय है कि प्रदेश के कुशल कारीगरों के उत्पादों की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हो और उनकी उत्पादित वस्तुओं को राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की बाजार मिले, जिससे लोग उनकी वस्तुओं को क्रय करें और उत्पाद करने वाले शिल्पकारों कारीगरों की आर्थिक उन्नति हो सके। सरकार की नीति है कि प्रदेश के युवाओं को हर स्तर पर रोजगार से लगाया जाय। आर.पी.एल. योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को प्रदेश के 75 जनपदों में कुल 5,88,850 प्रशिक्षणार्थियों को अल्प प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखते हुए कार्यक्रम शुरू करा दिये गये हैं, जिसमें 5,68,932 का लक्ष्य निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा तथा शेष 19918 को राजकीय प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकार द्वारा लगभग 06 लाख प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है।
रिपोर्ट रामगोपाल कुशवाहा पीलीभीत