पीलीभीत:बाघों के दीदार के लिए बचे सिर्फ 3 दिनटाइगर रिजर्व: 15 जून को बंद होगा पर्यटन सत्र

पीलीभीत।प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की सैर का आखिरी मौका अब केवल चार दिन शेष है। 15 जून, 2025 को शाम 7 बजे पीटीआर का पर्यटन सत्र समाप्त हो जाएगा, और इसके द्वार अगले पांच महीनों के लिए सैलानियों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मंगलवार देर रात प्रधान मुख्य वन संरक्षक की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। जंगल की अनुपम सुंदरता और बाघों की रोमांचक दुनिया का दीदार करने के इच्छुक पर्यटकों के लिए यह अंतिम अवसर है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व, जो अपने बाघों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश-विदेश में मशहूर है, इस पर्यटन सत्र में रिकॉर्ड तोड़ चुका है। वन विभाग के अनुसार, इस सत्र में अब तक 50,000 से अधिक सैलानी पीटीआर पहुंच चुके हैं। खास तौर पर महोफ रेंज में स्थित चूका बीच, जिसे ‘मिनी गोवा’ के नाम से जाना जाता है, सैलानियों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा है। चूका बीच का मनोरम दृश्य, घने जंगलों की हरियाली और उनमें स्वच्छंद विचरण करते बाघ सैलानियों को रोमांचित करते हैं।


हर सफारी में बाघों का दीदार.पीटीआर प्रशासन का दावा है कि इस सत्र में लगभग हर जंगल सफारी में सैलानियों को बाघों के दीदार हुए हैं। अन्य टाइगर रिजर्व की तुलना में पीटीआर बाघ दर्शन के मामले में शीर्ष पर रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस सत्र में प्रतिदिन सैलानियों को बाघों का नजारा मिला, जो पीटीआर की लोकप्रियता का प्रमुख कारण रहा है। यही वजह है कि इस बार सैलानियों की संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पर्यटन सत्र 15 नवंबर, 2024 को शुरू हुआ था और सात महीनों तक चला, जिसके दौरान देश-विदेश से पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी।

पर्यटन सत्र के समापन की तारीख नजदीक आने के साथ ही पीटीआर में सैलानियों की आमद में तेजी देखी जा रही है। चूका बीच पर बनी थारू हट, ट्री हट और बंबू हट 15 जून तक पूरी तरह बुक हो चुकी हैं। जंगल सफारी के लिए भी मुस्तफाबाद और महोफ गेट पर सुबह से ही सैलानियों की भीड़ जमा हो रही है। पीटीआर प्रशासन द्वारा जोन 1 और जोन 2 में जंगल सफारी वाहनों का संचालन किया जा रहा है, और दोनों शिफ्टों (सुबह और शाम) में सैलानियों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक के आदेश के अनुसार, 15 जून को पर्यटन सत्र समाप्त होने के बाद पीटीआर के द्वार 15 नवंबर, 2025 तक सैलानियों के लिए बंद रहेंगे। इस दौरान जंगल और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आवश्यक कार्य किए जाएंगे। वन विभाग ने सैलानियों से अपील की है कि वे शेष चार दिनों में अपनी यात्रा की योजना बनाकर पीटीआर की सैर का लुत्फ उठाएं। साथ ही, सफारी और चूका बीच पर ठहरने के लिए पहले से बुकिंग सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व न केवल बाघों के लिए, बल्कि अपनी जैव-विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। चूका बीच का शांत वातावरण, शारदा नदी का किनारा और जंगल की हरियाली सैलानियों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न प्रजातियों के पक्षी, हिरण, नीलगाय और अन्य वन्यजीव भी सैलानियों को आकर्षित करते हैं।

पर्यटन सत्र के अंतिम दिनों में सैलानियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पीटीआर प्रशासन ने व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया है। सफारी वाहनों की संख्या बढ़ाई गई है, और गेट पर सुरक्षा और टिकट व्यवस्था को सुचारू बनाया गया है। सैलानियों से अनुरोध किया गया है कि वे जंगल के नियमों का पालन करें और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं।

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