पूरनपुर : राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत उपनिदेशक पंचायत बरेली मंडल बरेली महेंद्र सिंह के कुशल निर्देशन में पूरनपुर ब्लाक के कृषि सभागार में ग्राम प्रधान , एडीओ पंचायत ,ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम विकास अधिकारियों का पंचायत विकास सूचकांक आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा एवं सुशासन वाली ग्राम पंचायत थीम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ मास्टर ट्रेनर देवेश यादव ब मास्टर ट्रेनर पूरनलाल वर्मा , वीर सक्सेना, रूपेंद्र पटेल, लेखराज राठौर आदि ने किया।प्रशिक्षक पूरनलाल वर्मा ने सतत विकास लक्ष्य में ग्राम पंचायत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए ,फिल्म का प्रदर्शन किया, ग्रामीण क्षेत्र में एलएसडीजी की प्रगति के आकलन के लिए पंचायत विकास सूचकांक और संस्थागत तंत्र के उन्मुखीकरण पर चर्चा कर लाभ रणनीति और परिणाम पर समूह में चर्चा की प्रशिक्षण के माध्यम से सतत विकास के स्थानीयकरण पंचायत विकास सूचकांक, ग्राम स्वराज आदि पर समुचित जानकारी प्रदान की गई।प्रशिक्षक पूरनलाल वर्मा ने विकास योजना और सतत विकास के बारे में बताया कि भारत सरकार द्वारा विषय गत दृष्टिकोण अपनाते हुए 9 थीम पर कार्य किया जा रहा है, इन थीमों के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत गरीबी मुक्त हो जाएगी, हम दुनिया का कायाकल्प करने की दहलीज पर खड़े हैं/ अंतर राष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से 17 सतत विकास के लक्षण के ऐतिहासिक योजना शुरू की है /जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक अधिक संपन्न, अधिक समतावादी और अधिक संरक्षित विश्व की रचना करना है/ 2030 के लिए वैश्विक एजेंडा का मूल मंत्र सार्वभौमिकता का सिद्धांत है ,”कोई पीछे ना छूटे “भारत सरकार सतत विकास के लक्ष्यों के प्रति दृढ़ता से समर्पित है /भारत के राष्ट्रीय विकास लक्ष्य और समावेशी विकास के लिए “सबका साथ सबका विकास” नीतिगत पहल, सतत विकास के लक्षण के अनुरूप है
मास्टर ट्रेनर देवेश यादव ने बताया कि _पंचायत विकास सूचकांक (पी.डी.आई)एक समग्र सूचकांक है जो सतत विकास के लक्षण के स्थानीयकरण को प्राप्त करने में पंचायत के प्रदर्शन को मापता है ।यह पंचायत की विकास की स्थिति का समग्र और साक्ष्य आधारित मूल्यांकन प्रदान करता है, तथा उनकी शक्ति व कमजोरी को उजागर करने में मदद करता है /इसका उद्देश्य पंचायतो एवं हितकारको के मध्य उनके महत्व के विषय में जागरूकता बढ़कर सतत विकास के लक्षण के स्थानीयकरण को बढ़ावा देना है ,साथी सतत विकास के लक्षण को हासिल करने में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए पंचायत को सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है/ ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों से संबंधित 508 इंडिकेटर का वैलिडेशन और ट्रैकिंग किया गया है वहीं 73वें संविधान संशोधन 1993 द्वारा भारत के संविधान में अध्याय 9 जोड़ा गया, इस अध्याय का शीर्षक है” पंचायत”/ग्राम पंचायत विकास योजना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है/ जिसकी शुरुआत सन 2015 में हुई, ग्राम पंचायत विकास योजना को बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2015 में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए एवं राज्यों से अपेक्षा व्यक्त की कि वह अपने भौगोलिक आवश्यकता के अनुसार इस दिशा निर्देश में संशोधन कर दिशा निर्देश जारी करें एवं ग्राम पंचायत विकास योजना बनवाएं/ग्राम पंचायत को दी जाने वाली अनुदान की राशि दो प्रकार की होगी , पहली राशि बेसिक अनुदान कहलाएगी, जो ग्राम पंचायत को दी जाने वाली कुल धनराशि का 90% होगी दूसरी राशि परफॉर्मेंस ग्रांट होगी यह राशि ग्राम पंचायत को तभी दी जाएगी जब पंचायते अपना ऑडिट कराएंगी तथा पूरे ग्राम पंचायत को कुल बजट का 10प्रतिशत स्वयं के स्रोतों से आयोजित करेंगे इस धनराशि का कहां उपयोग नहीं किया जा सकता उसका भी स्पष्ट प्रावधान किया गया है/प्रशिक्षण में ट्रेनिंग मैनेजर रूपेंद्र पटेल ,वीर सक्सेना, मास्टर ट्रेनर देवेश यादव, मास्टर ट्रेनर पूरनलाल वर्मा, कृष्ण वर्मा,लेखराज राठौर,ग्राम प्रधान, सचिव आदि उपस्थित रहे।