पूरनपुर/घुंघचाई- जर्जर मकान का छज्जा गिरने से मलबे में दबर घायल हुई दो सगी बहनों में एक की उपचार के दौरान मौत हो गई। दूसरी की भी हालत गंभीर बताई जा रही है। सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। गममीन माहौल में मासूम के शव को अंतिम संस्कार कर दिया गया। सूचना पर पहुंचे लेखपाल ने मौका मुआयना किया। उन्होंने रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी है। अचानक हुई घटना से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
हादसा सोमवार की शाम पूरनपुर के गांव दिलावरपुर में हुआ था। गांव के रहने वाले संतोष कुमार का वर्षों पुराना जर्जर मकान है। उनकी पत्नी आरती एक आंख और बड़ी बेटी छह वर्षीय लक्ष्मी उर्फ छोटी दोनों आंखों से नहीं दिखाई देता है। एक और चार वर्षीय बेटी पायल थी। उन्होंने बताया कि वह पत्नी व दोनो बेटियों के साथ जर्जर मकान में गुजर बसर करते चले आ रहे हैं। कई बार आवास की मांग की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सोमवार को दोनों बेटियां मकान के छज्जे के नीचे जमीन पर खेल रही थी। अचानक भरभरा छज्जा गिर गया जिसके मलबे में दोनों बेटिया दब गई। ग्रामीणों ने मलबा हटाकर उन्हें बाहर निकाला जब तक दोनों गंभीर रूप से घायल हो चुकी थीं। आनन फानन में उन्हें सीएचसी लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उपचार के दौरान पायल की मौत हो गई। सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। मंगलवार को गमगीन माहौल में पायल के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बड़ी बेटी छोटी के भी गंभीर चोंटे बताई जा रही हैं उसका उपचार चल रहा है। जर्जर मकान का छज्जा गिरने से हुए हादसे को लेकर लेखपाल ने मौका मुआयना किया। उन्होंने ग्रामीण को सरकार से मुआवजा मिलने का भरोसा दिया है। प्रधान रामनिवास शर्मा ने बताया कि संतोष का जर्जर मकान है। उसका छज्जा गिरने से उनकी दोनों बेटियां घायल को गईं थी। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान छोटी बेटी पायल की मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।