पीलीभीत पूरनपुर गोरा कमेटी की तरफ से एक रोजा अजीमुल शान कान्फ्रेंस जश्ने इस्लाह मनाई गई। जिसमे दूर दराज से उलमा ए इकराम तसरीफ लाए।कान्फ्रेंस की शुरूआत जामा मस्जिद इमाम कमर रज़ा ने कलाम ए पाक की तिलावत से किया जिसके बाद नातो मंखतब नबी की शान में तालिब ए इल्म ने नात शरीफ पेश की। कॉन्फ्रेंस में ख़िताव करते हुए मुंबई से आए सैयद अमीनुल कादरी ने कहा कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि सल्लम का जन्म 12 रबी उल अव्वल इस्लामी महीने के अनुसार 29 अगस्त 570 ईसवी में अरब के मक्का शहर में हुआ था। पैगंबरों के सिलसिले में यह इस्लाम के आखरी पैगंबर है।नबी पाक के आने से पहले अरब में ही नहीं, पुरी दुनिया में तमाम बुराइयों भरमार थी।शराब पीना आम हो गया था। लड़कियों को पैदा होते ही जिंदा दफन कर दिया जाता था। इस तरीके से समाज में कई बुराइयां व्याप्त हो चुकी थीं। उन बुराइयों के खिलाफ उन्होंने एक आंदोलन चलाया और समाज में एक समाज सुधारक के रूप में कार्य किया। आज पूरी दुनिया में लोग उनके बताए रास्ते पर चलते हैं।कादरी ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बचपन मे ही बच्चो को अच्छी तालीम दी जाए , ताकि बच्चे का मुस्तकबिल अच्छा हो।अल्लाह से डरने वाले सिर्फ इल्म वाले है , इल्म तलाश करो चाहे चीन जाना पड़े ।कादरी ने कहा अपनी जिन्दगी सरकार के फरमान के मुताबिक दुनिया पर गुजारे तो हमारी दुनिया और आखिरत भी कामयाब होगी।
सैय्यद रिजबान मियां बिलग्राम शरीफ से कॉन्फ्रेंस में पहुंचकर तकरीर करते हुए कहा आज दुनियां इल्म के जरिए से बहुत दूर पहुंच गई है , लेकिन मुस्लिम कौम के बच्चें तालीम में बहुत पीछे है । आधी रोटी खाइये बच्चो को पढ़ाइये के नारे के साथ बचपन मे ही उच्च शिक्षा के लिए बच्चो को प्रेरित करते रहे ।
सैयद रिजवान मियां ने दुआख्वानी करके अल्लाह के बारगाह मे मुल्क में अमन, शांति, भाईचारगी,मुसीबत, बलाओ से हिफाज़त, कोरोना जैसी दुनियावी महामारी के खात्मे को लेकर खूसूसी दुआ की।