पीलीभीत :भारत सरकार किसानों को हर तरह की सुविधा फसलोत्पादन के लिए दे रही है। देश के प्रधानमंत्री जी ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान यानी कुसुम योजना का ऐलान किया था। जिसके अन्तर्गत किसानों को अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा से संचालित पम्प लगाने हेतु अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में इस योजना को लागू करते हुए लक्ष्य भी निर्धारित कर दिए। इस योजना के अंतर्गत किसानों को खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए सोलर पम्प मुहैया कराए जाने का प्राविधान किया गया है।
सरकार की इस कुसुम योजना से बिजली की समस्या एवं किसानों की बिजली पर निर्भरता भी दूर होगी। प्रदेश के किसान अपनी खाली व बंजर पड़ी जमीन का इस्तेमाल सौर ऊर्जा के लिए कर सकते हैं। किसान सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली को बेच कर किसान अतिरिक्त आमदनी भी कर सकते हैं। कुसुम योजना के अंतर्गत केंद्र एवं प्रदेश सरकार मिल कर किसानों को अनुदान के रूप में सोलर पम्प की कुल लागत का 60 प्रतिशत दे रहे हैं। इस योजना के संचालन के लिए कृषि विभाग नोडल नामित है।
भारत सरकार के मिनिस्ट्री आफ न्यू एण्ड रिन्यूवेबल एनर्जी के निर्देशानुसार विभिन्न क्षमता के 7.5 एचपी तक के स्टैण्ड एलोन सोलर पम्प की स्थापना पर सरकार 30 फीसदी केंद्रांश एवं 30 फीसदी राज्यांश के रूप में कुल 60 फीसदी अनुदान की अनुमति प्रदान की है। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने राज्यांश बढ़ा कर गाइडलाइन में दिए गए निर्देशानुसार 2 एचपी और 3 एचपी के सोलर पम्प पर अनुदान 30 प्रतिशत के बजाय 45 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
प्रदेश सरकार की संचालित इस योजनान्तर्गत 1800 वाट 2 एचपी.डीसी सरफेस सोलर पम्प के लिए किसान को 28376 रूपये देना होगा। 3000 वाट 3 एचपी.डीसी सरफेस सोलर पम्प के लिए किसानों को 38,882 रूपये, तथा 4800 वाट 5 एचपी. एसी समर्सिबल सोलर पम्प के लिए किसानों को 87020 रूपये देना होगां शेष धनराशि सरकार दे रही है। इस योजनान्तर्गत पम्प के लिए इच्छुक किसान पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर सोलर पम्प के लिए आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
प्रदेश में पी.एम. कुसुम योजनान्तर्गत अब तक 20177 सोलर पम्पो की स्थापना कराते हुए किसानो को सिंचाई व अन्य विद्युत उपयोग हेतु लाभान्वित किया गया है। किसानो के फसल उत्पादन में सोलर पम्प बहुत ही सहायक सिद्ध हो रहे है।
रिपोर्ट रामगोपाल कुशवाहा पीलीभीत