पीलीभीत: मौसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी पीलीभीत रेड अलर्ट पर 12 एवं 13 सितम्बर को भारी वारिश एवं वज्रपात की संभावना

पीलीभीत :- सूचना विभाग 11 सितम्बर 2024/ भारत सरकार, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत मौसम विज्ञान विभाग मौसम केन्द्र, लखनऊ ने प्रदेश के कतिपय जिलों में वर्षा/अतिवृष्टि की सम्भावना व्यक्त किया गया है। जनपद पीलीभीत में दिनांक 12.09.2024 व 13.09.2024 भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गयी है। जनपद को रेड जोन में दिखाया गया है। जनपद में भारी वर्षा के साथ वज्रपात/आकाशीय विद्युत (लाइटनिंग) हो सकती है। अतः वज्रपात/आकाशीय विद्युत (लाइटनिंग) से बचाव के संबंध में ’’क्या करें और क्या न करें’’ जिसका विवरण निम्नवत हैः-

मौसम विभाग ने दिनांक 12.09.2024 व 13.09.2024 (दो दिन) जिले में भारी वर्षा और वज्रपात होने की चेतावनी जारी की है। आम-जनमानस से अपील की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा दामिनी व सचेत एप डाउनलोड कर प्रयोग किये जाने की सलाह दी जाती है।

भारी वर्षा/खराब मौसम में वज्रपात/आकाशीय विद्युत की घटनायें घटित होने की सम्भावनाएं काफी बढ़ जाती हैं , जिससे जनहानि एवं पशुहानि व मकान क्षति तथा व्यक्ति के घायल होने की घटनाए प्रायः होती है। भारी वर्षा/वज्रपात के दौरान ऊॅंची इमारतों , पेड़ों, मनुष्यों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएॅ होती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है जिसके द्वारा वज्रपात/आकाशीय विद्युत (लाइटनिंग) के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है।

वज्रपात/आकाशीय विद्युत की सम्भावना होने पर क्या करें-खुले मैदान या ऊॅचे स्थानों से दूर रहें। तालाब, नदी तट आदि जैसे जल निकासी से दूर रहें। बिजली चमकने/आंधी आने पर पेड़ के नीचे से हट जायें। जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी पक्की छत के नीचे शरण लें। बिजली गिरने के दौरान किसान कभी खुले मैदान या खेत में न खड़े हों। कोशिश करें कि किसी सुरक्षित पक्की छत के नीचे पहुॅच जाएंॅ। यदि समूह में हैं तो दूर-दूर रहें। यदि आप खुली जगह में हैं तो, अपने शरीर को उंकडू कर एड़ियों को सटा कर कान बंद कर बैठ जायंॅ। यदि आप किसी वाहन में सफर कर रहें तो अपने वाहन में ही रहें। जिनके पास स्मार्ट मोबाइल फोन है वे सभी दामिनी एप डाऊनलोड करें व उससे प्राप्त सूचनाओं का पालन करें और आस-पास के लोगों तक पंहुचाएॅ। कम्प्यूटर, लैपटाॅप, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, कूलर, एयर कंडीशनर एवं अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों को बन्द कर दें। दरवाजे, खिड़कियाॅ, धातु की बाल्टी और नल इत्यादि से दूर रहें। साइकिल, मोटरसाइकिल या कृषि वाहन इत्यादि बिजली को आकर्षित कर सकती हैं, इसलिए उनसे उतर जाएं अथवा दूर रहें।

वर्षा व वज्रपात होने की सम्भावना हो तो, क्या न करें-पेड़ के नीचे शरण न लें। पानी भरे खेतों में न जायें। बच्चों को बाहर खेलने न दें। छत पर न जायें। यदि आप खुले में हैं तो जमीन पर कदापि न लेटें। बिजली, टेलीफोन या मोबाइल टावर के नजदीक न जायें और न ही उसका कोई सहारा लें। लोहे की डंडी वाले छाते का प्रयोग न करें। तालाब, नदी, नहर या किसी भी जल निकाय में जानवारों को धोने या मछली पकड़ने न जाए। बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें। यदि आप घर में हैं तो खिड़की के किनारे या दरवाजे के बाहर न खड़े रहें। वाहन के अंदर किसी भी धातु से बने हिस्से को न छुएॅ, गाड़ी की खिड़कियाॅ ऊपर कर लें, पेड़ों और बिजली लाइनों व खम्भों के पास न जाए ओर वाहन ना खड़ा करें।

वज्रपात के बाद-घर के अन्दर तब तक रहें जब तक कि आसमान साफ न हो जाए। स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृृत्यु की जानकारी दें। अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है, तो तुरंत 108 पर काॅल करें और यथाशीघ्र पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाए। आग लगने की स्थित में 112 या 101 पर काॅल करें।

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