पूरनपुर उपजिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में विगत एक सप्ताह से चल रही भीषण वारिश के कारण क्षेत्र में धान की फसल के भीगकर नष्ट व क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उत्पन्न समस्याओं को गंभीरता से प्रस्तुत किया गया है। ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि इस क्षतिग्रस्त धान के कारण एफसीआई मानक का चावल बनना पूर्णता असंभव है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसान वहुत परेशान है, क्योंकि उसकी अधिकाश फसल डूबकर नष्ट हो गई है अथवा क्षतिग्रस्त होकर काली पड़ गयी है, जिस कारण चावल का दाना खराब हो गया है और चावल में टूटन की मात्रा भी वहुत अधिक बढ़ गई है। ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि खेत से निकलने वाले धान का गुणवत्ता परीक्षण करा लिया जाये और इससे बनने वाला चावल यथावत् स्वीकार किया जायें। ज्ञापन में यह उल्लेख किया गया है कि एफसीआई मानक के अनुसार तीन प्रतिशत क्षतिग्रस्त तथा पांच प्रतिशत वदरंग व 25 प्रतिशत टूटन का चावल स्वीकार किया जाता है। इस समय खेतों से आने वाले धान से यह चावल बनना ही संभव नहीं है। ज्ञापन देने के बाद राइस मिलर्स एसो0 के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छीना, संरक्षक अजमेर सिंह छीना एवं सुखदेव सिंह ने बताया कि यह त्रासदी मौसम के वदले हुये चक्र के कारण है और इस प्रभाव किसान एवं उद्योग की अर्थव्यवस्था पर विपरीत पड़ेंगा। साथ में वृजेश गुप्ता, डिंपल शर्मा ,अशोक खंडेलवाल नवीन गुप्ता, शैलेंद्र गुप्ता ,वीन गुप्ता आदि भी मौजूद थे।