पीलीभीत। राष्ट्रीय अंवेषिका प्रयोगात्मक निपुणता परीक्षा 2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 1 अप्रैल से आरंभ हो चुकी है। इस संबंध में अंगूरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या उपासना शर्मा ने कहा कि विज्ञान को समझने और सीखने के लिए प्रयोगात्मक संस्कृति बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और प्रयोगात्मक दक्षता को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के भी अनुरूप है।
राष्ट्रीय अंवेषिका प्रयोगात्मक निपुणता परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होती है। प्रथम चरण स्क्रीनिंग राउंड होता है, जो पूरे देश में ऑनलाइन माध्यम से संपन्न होता है। इस चक्र में प्रतिभागी घर पर ही दिए गए प्रयोग करते हैं और राइटअप जमा करते हैं। प्रारंभिक चक्र के उपरांत योग्य प्रतिभागी सेमीफाइनल और फाइनल चक्रों में भाग लेते हैं। सफल प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाता है और आर्थिक प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है।
इसी क्रम में विद्यालय में लैपटॉन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय संयोजक अमित कुमार विश्वकर्मा ने ‘आओ करके सीखें विज्ञान’ की अवधारणा के अंतर्गत विभिन्न प्रयोग प्रस्तुत किए तथा उन पर विस्तृत चर्चा की। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को एक शैक्षिक ऑनलाइन वीडियो दिखाया गया, जिस पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए।
कार्यक्रम समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि लैपटॉन कार्यक्रम के परिणामों के आधार पर शीर्ष 1 प्रतिशत प्रतिभागियों को सीधे प्रारंभिक चक्र में प्रवेश का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम में कुल 202 छात्राओं ने सहभागिता की।
प्रतिभागी छात्राओं शिवांगी, अनामिका, प्रगति आदि ने लैपटॉन कार्यक्रम को अत्यंत रुचिकर, शिक्षाप्रद और विज्ञान सीखने में सहायक बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उनका पहला सुखद और प्रेरणादायक अनुभव रहा।