पीलीभीत:पर्यावरण बचाना हमसबकी जिम्मेदारी इसे बचाना आने वाले भविष्य के लिए जरूरी।

पीलीभीत समय अपरान्ह 1.00 बजे कलैक्ट्रेट स्थित गांधी सभागार पीलीभीत में डा0 अफरोज अहमद, न्यायाधीश, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण सदस्य, नई दिल्ली की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित की गयी। उक्त बैठक में न्यायाधीश द्वारा जिले में संचालित जिला पर्यावरण समिति के माध्यम से हो रही विभिन्न गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया गया। उक्त विचार-विमर्श के दौरान माननीय न्यायाधीश द्वारा सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
मुख्य चिकित्साधिकारी पीलीभीत को निर्देश दिये गये कि अस्पतालों में जैव अवशिष्ट का समुचित प्रबन्धन, निस्तारण, व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित रखने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये।
नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाने हेतु डी0पी0आर0 बनाये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होनें बताया कि एक एम0एल0डी0 प्रदूषित पानी नदी में प्रवाहित करने पर एन0जी0टी0 द्वारा रू0 2.00 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जाता है। इसी के साथ-साथ प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के अधिकारियों को जल जनित व वायु जनित प्रदूषण की रोकथाम हेतु आवश्यक कदम उठाये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं इस जनपद में संचालित चीनी मिलें, चावल मिलें व अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाली धूम्र व जलीय प्रदूषण को रोकथाम करने व इन औद्योगिक प्रतिष्ठानों से सी0एस0आर0 फण्ड के माध्यम से अधिक से अधिक हरित आवरण को बढ़ाने में प्रयोग किया जाये, चीनी मिलों के कुल स्थापित क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत क्षेत्रफल हरित आवरण से आवद्ध होना चाहिए।
अधिशासी अभियन्ता, विद्युत खण्ड, पीलीभीत को निर्देशित किया कि होटल, रिसॉर्ट में बिजली की आपूर्ति सहज, सुलभ व निर्वाद्ध तरीके से किया जाये जिससे कि होटल मालिकों व पर्यटकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
प्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व को निर्देशित किया कि सोविनियर शॉप्स को और अधिक आधुनिकीकृत व व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जाये ताकि आने वाले पर्यटकों को अधिक आकृर्षित व प्रभावी लगे। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग को निर्देशित किया कि जनपद में स्थित वैटलैण्ड्स का सर्वे सीमांकन कराके सुरक्षित व संरक्षित किया जाये ताकि जलीय जीव व पक्षियों के लिये सुन्दर व स्थायी प्राकृतिक वास तैयार हो सके, इसके लिये सिंचाई विभाग से कहा गया कि इस प्रकार के वैट लैण्ड्स में जल की उपलब्धता सतत् रूप से बनी रहे, इसके साथ ही वायु डायवर्सिटी पार्क को स्थापित व गोमती उद्गम स्थल पर अर्जुन, जामुन व फलदार, छायादार वृक्षों का रोपण किया जाये एवं जिला पर्यावरण समिति के साथ वैट लैण्ड की भी बैठक किया जाना सुनिश्चित किया जाये, साथ ही साथ माननीय न्यायाधीश द्वारा वैट लैण्ड्स में विभिन्न प्रवासी पक्षियों का प्रगणना करने व पर्यावरण समिति द्वारा किये गये कार्यों का कॉफी टेवल के माध्यम से जारी किया जाये।
समीक्षा बैठक के अन्त में जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने न्यायाधीश को धन्यवाद किया। बैठक के उपरान्त गांधी सभागार परिसर में न्यायाधीश ने पौधारोपण किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व, प्रभागीय निदेशक वन एवं वन्यजीव प्रभाग, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.), सिटी मजिस्ट्रेट, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड बरेली, समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार सदर, उप समस्त क्षेत्रीय वन अधिकारी, टाइगर रिजर्व एवं वन एवं वन्यजीव प्रभाग पीलीभीत, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, जिला उद्यान अधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत एवं समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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