पीलीभीत : उपजिलाधिकारी ने पराली जलाने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में किसानों को जानकारी देते हुए पराली को गौशाला या पशु पालकों को दान करने के लिए प्रेरित किया

पीलीभीत पूरनपुर ; पराली को खेतों में न जलाकर गौशाला या पशुपालकों को दान करने के लिए प्रेरित करते हुए उपजिलाधिकारी ने पराली जलाने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में किसानों को जानकारी दी।उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न केवल वातावरण दूषित होता है बल्कि खेत में मौजूद किसान की मित्र कहे जाने वाले केंचुए की मौत होने से फसल की पैदावार में कमी आती है।
पराली न जलाने को लेकर प्रशासन द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है।इसी के तहत उप जिलाधिकारी ने किसानों को पराली न जलाने को लेकर
विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पराली किसान न जलाकर इसे गौशाला में दान कर सकते हैं।इसकी सूचना तहसील कार्यालय के फोन नंबर 9411058864 पर देने के लिए प्रेरित किया गया है।बाढ़ क्षेत्र के गांव कबीरगंज, गांधी नगर,श्री नगर में तैनात लेखपाल नरेश चंद्र और कुठिया कवर,विजय नगर,राणा प्रताप नगर के लेखपाल आशीष कुमार खेतों से पराली उठवा कर भिजवा रहे है। कई जागरूक किसान अपने खेतों से पराली उठाते नजर आए।उपजिलाधिकारी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि सभी किसान खेतों में पराली न जला कर इसे गौशाला या किसी अन्य पशु पालकों को दान करें।सर्वाधिक पराली दान करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। उपजिलाधिकारी लगातार किसानों को लेखपालों के माध्यम से जागरूक करा रहे है।साथी इसका असर भी दिखाई दे रहा है।लेखपालों की मौजूदगी में खेतों से पराली निकलवा कर गौशाला या पशुपालकों को भिजवाया जा रहा है।