पीलीभीत पूरनपुर
ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एस0 एल0 डब्ल्यू0 एम0) अंतर्गत विकास खण्ड पूरनपुर के अंतर्गत आने बाली ग्राम पंचायत माधोटांडा में कराये जा रहे निर्माण कार्यों में मानक का बेखौफ मखौल उड़ाया जा रहा है। यहां घटिया ईंट और नहर से निकाली गई लोप (रेत) से नाली व सिल्ट चैम्बर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार द्वारा अनुबंध पर तैनात किए गए जेई भी महज़ एमबी कर अपना 02 प्रतिशत सेवा शुल्क प्राप्त करने को लेकर गंभीर हैं, जबकि वह निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। परिणाम स्वरूप प्रधान व सचिव सरकार की मंशा को धता बताते हुए अपनी पौ बारह करने में जुटे हुए हैं।
ज्ञात हो कि विकास खंड पूरनपुर अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत माधोटांडा में गांव के मुख्य मार्ग से बाग की तरफ जाने वाले मार्ग पर जकील के घर के सामने सड़क बनाई जा रही है। नाली निर्माण में घटिया ईंट और नहर से निकाली गई लोप (रेत) से चुनाई कर ग्राम प्रधान व सचिव अपने निजी हित साधने के लिए सरकारी धन को ठिकाने लगाने की फिराक में है। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त नाली कई वर्ष पूर्व बनी थी जो कि नीची हो चुकी है। उसी पुरानी नाली के ऊपर ही ईंट का एक रद्दा लगाकर नई नाली दर्शा कर धन आहरण करने का ताना-बाना बुना जा रहा है। यही नहीं उक्त नाली में बनाए गए सिल्ट चेंबर की निचली दीवारें भी मौके से गायब है। ऊपरी दीवारों के नाम पर ही जिम्मेदारों की आंखों में धूल झोंक रहा प्रधान सरकारी धन को ठिकाने लगाना चाहता है। कहीं ना कहीं इस मामले में तकनीकी जिम्मेदारी निभाने वाले अवर अभियंता भी संदेह के घेरे में खड़े दिखाई दे रहे हैं। यह पहला काम नहीं है कि जहां भ्रष्टाचार की आड़ में मानकों को धता बताते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत में कराए गए समस्त कार्यों में अधोमानक का प्रयोग किया गया है। जिसकी गहनता से जांच हो तो भ्रष्टाचार की परत दर परत कई कहानियां सामने आएंगी। फिलहाल इस मामले में सरकार द्वारा अनुबंध पर रखे गए जेई ने कोई जानकारी ना होने की बात कही है। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी सर्वेश कुमार से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन वार्ता नहीं हो सकी। इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जांच उपरांत कार्रवाई कराई जाएगी।