पीलीभीत : हुआ शिक्षक दिवस पर भव्य कार्यक्रम, राज्य पुरस्कार से नवाजी गई सुश्री गीता कुमारी।

पीलीभीत शिक्षक दिवस पर सोमवार को गांधी प्रेक्षागृह में शिक्षक सम्मान समारोह का भव्य कार्यक्रम हुआ, जिसमें लखनऊ से मुख्यमंत्री जी के राज्य शिक्षक सम्मान समारोह का सजीव प्रसारण भी हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, विधायक बरखेडा प्रवक्तानन्द , जिला पंचायत अध्यक्षा डॉ0 दलजीत कौर, जिलाधिकारी पुलकित खरे, मुख्य विकास अधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कर कमलों द्वारा मॉ सरस्वती जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण कर किया गया। जनपद स्तरीय कार्यक्रम से पूर्व सजीव कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माo मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की उन्नति के संवाहक सभी शिक्षकगण व प्रदेशवासियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उच्च प्राथमिक विद्यालय कैंच, कुंवरपुर, प्राथमिक विद्यालय बीसलपुर व कस्तूरवा गांधी विद्यालय एवं नगर क्षेत्र के छात्र/छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत दी गयी। जिला पंचायत अध्यक्षा डा0 दलजीत कौर एवं जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा राज्य पुरस्कार 2021 हेतु चयनित कम्पोजिट विद्यालय बरहा की शिक्षिका सुश्री गीता कुमारी को स्मृति चिन्ह, 25 हजार रू0 का चेक, प्रमाण पत्र व शाल ओढाकर राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समारोह मे राज्य स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों, एसआरजी, एआरपी को भी सम्मानित किया। विधायक बरखेडा ने कहा कि सम्मानित होने वाले शिक्षकों ने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से न केवल स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार किया, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है। अन्य शिक्षकों को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। जिलाध्यक्ष एवं जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि एक अच्छा शिक्षक विभिन्न् विषयों का ज्ञान ही नहीं देता बल्कि एक अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा भी विद्यार्थियों को देता है। उनके चरित्र निर्माण में भी योगदान देता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे गुरु है। वे हमें ज्ञान की रोशनी देने के साथ सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौंसला देते है। जिलाधिकारी ने कहा कि ज्ञान ही इंसान को जीने योग्य जीवन की दिशा में ले जाता है। जिस तरह से एक शिल्पकार पत्थर को तराशकर उसे मूर्ति का आकार देता है और कुम्हार कच्ची मिट्टी को तपाकर उसके विकारों को दूर करता है। ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक भी छात्रों के अवगुणों को दूर कर काबिल बनाता है। शिक्षक ज्ञान का वह अविरल रहने वाला स्रोत बताया गया है, जो लाखों छात्रों के भाग्य का निर्माण करता है। सत्र 2021-2022 में सेवा निवृत्त शिक्षकों को शाल ओढ़कर सम्मानित किया गया। जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्षा एवं जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों द्वारा नामित सुरर 100 शिक्षकों के नवाचारों को दर्शाती पत्रिका सोपान का विमोचन किया गया। राज्य स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं जिलाधिकारी द्वारा व जिला पंचायत अध्यक्ष महोदया द्वारा शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।