गोमती नदी गंगा का स्वरूप मानी जाती है। जिसका उद्गम पीलीभीत के माधोटांडा से हुआ है। शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, राजधानी लखनऊ होते हुए प्रयाग में गंगा नदी में मिल जाती है। गोमती नदी के उद्धार के लिए जोर सोर से अभियान चल रहा है। अभियान के अन्तर्गत जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जनपद में 16 घाटों को बनवाया। 16 घाटों पर प्रतिदिन आरती की योजना बनाई गई लेकिन उद्गम स्थल एवं त्रिवेणी घाट घाटमपुर के अतिरिक्त कहीं प्रतिदिन/ साप्ताहिक आरती प्रारम्भ नहीं हुई। समाजसेवी रविन्द्र कुमार नन्द के प्रयास से दो घाटों के बाद तीसरे घाट नवदिया धनेश में साप्ताहिक आरती प्रारम्भ हुई। जिसमें ग्रामीणों में अत्यधिक हर्ष और उल्लास देखने को मिला है। ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े बजाकर गोमती नदी की आरती की। पंडित विवेक तिवारी ने मां गोमती की पूजा अर्चना वन्दना की। उसके बाद आरती हुई जिसमें कई दर्जन कन्याओं व माता बहनों ने घाट पर थाली सजाकर आरती की। आरती के पश्चात खीर का प्रसाद वितरित किया गया। ऐसा उत्साह और कहीं नहीं दिखा है। आरती कार्यक्रम में राजकीय संघटक महाविद्यालय नवदिया धनेश के प्राचार्य डॉ अनन्त प्रकाश, कृष्ण गोपाल मौर्य, दयाराम राजपूत, गोविन्द मौर्य, ग्राम प्रधान राकेश मौर्य, आकाश, विकास, हंसराम सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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