जिलाधिकारी श्री पुलकित खरे की अध्यक्षता में गोमती नदी के किनारे स्थित खेतों के किसान बन्धुओं को जैविक खेती करने हेतु प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत कृषक गोष्ठी का आयोजन तहसील सभागार पूरनपुर में किया गया। आयोजित गोष्ठी में जैविक कृषि करने वाले किसान भाईयों द्वारा प्राकृतिक कृषि के तरीकों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गई। गोष्ठी में जिलाधिकारी द्वारा गोमती के किनारे स्थित किसानों भाईयों को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि विगत एक माह से मॉ गोतमी को स्वच्छ एवं अविरल बनाने हेतु गोमती पुनरूद्वौर महाअभियान चलाया जा रहा है और नियमित पदयात्रा द्वारा मॉ गोमती को अविरल एवं स्वच्छ बनाने सम्बन्धी समस्याओं को संज्ञान लेते हुये निस्तारित किया जा रहा है। पदयात्रा के दौरान मॉ गोमती को प्रदूषित करने का एक कारण खेती में प्रयोग हो रहे रसायनिक उर्वरक एवं दवाईयों का प्रयोग भी है, जिससे जल दूषित हो रहा है और नदी के अनेकों जीव-जन्तु का अस्थित्व समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि नदी की धारा को अविरल बनाने का कार्य पूर्ण होने पर है अब उन सभी 16 ग्राम पंचायतों का दायित्व है नदी को हमेशा के लिए स्वच्छ एवं अविरल बनाये रखे हैं, इसके लिए किसान भाईयों को आगे आना होगा और नदी के किनारे खेतों में जैविक एवं प्राकृतिक खेती करें, जिसके सम्बन्ध में आज गोष्ठी में विस्तार से जानकारी दी गई है और आगे इन किसान भाईयों को जैविक जागरूकता कार्यक्रम में भी बाहर भेजा जायेगा और ग्राम पंचायत स्तर पर भी गोष्ठियों का आयोजन कर जैविक खेती के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि रासायनिक एवं कीटनाशक आधारित कृषि के स्थान पर जैविक एवं प्राकृतिक कृषि को अपनायें जिससे भूमि की उर्वरकता शक्ति लम्बे समय तक बनी है और आने वाली पीडियां उसका उचित उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि बदलते जलवायु के साथ साथ खेती को नये तरीको से अपनाये और विविधीकरण की ओर बढे़ जैविक खेती करें। इस दौरान प्रगतशील किसानों को जिलाधिकारी द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
गोष्ठी में उप जिलाधिकारी पूरनपुर, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, तहसीलदार पूरनपुर, खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सवांददाता: रामगोपाल कुशवाहा