पीलीभीत : गर्मी के इस तपते मौसम में भी आरिफ का सेवा भाव थमता नहीं लगातार सेवा जारी

जब समाज में भेदभाव, स्वार्थ और संकीर्णता अपने पैर पसार रही है, ऐसे समय में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ अपनी निस्वार्थ सेवा और मानवता के कार्यों से एक नई प्रेरणा बनकर उभरे हैं। मोहम्मद आरिफ न केवल असहायों, लाचारों और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने इंसानियत और आपसी भाईचारे की एक अनूठी मिसाल भी पेश की है।आरिफ का यह सेवाकार्य किसी प्रचार या राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज के प्रति उनके सच्चे समर्पण का प्रतीक है। वे हिंदू-मुस्लिम का कोई भेदभाव किए बिना हर जरूरतमंद परिवार तक राशन और दैनिक आवश्यक वस्तुएं पहुंचा रहे हैं। मोहल्लों की गलियों में जाकर स्वयं सहायता सामग्री वितरित करना यह दर्शाता है कि सेवा का कोई रूप छोटा नहीं होता। उनकी पत्नी अनमता आरिफ भी इस अभियान में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। वे भी घर-घर जाकर जरूरतमंदों की सहायता कर रही हैं, जिससे महिलाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि मोहम्मद आरिफ और अनमता आरिफ ने जिस तरह बिना किसी जाति, धर्म या संप्रदाय के भेदभाव के सहायता पहुंचाई है, वह समाज के लिए एक नई प्रेरक दिशा है। उनकी इस सेवा भावना की सर्वत्र सराहना हो रही है। लोगों का यह भी मानना है कि यदि हर व्यक्ति मोहम्मद आरिफ की तरह सोचने लगे तो समाज में सच्ची एकता और भाईचारा स्वतः स्थापित हो जाएगा।गर्मी के इस तपते मौसम में भी आरिफ का सेवा भाव थमता नहीं है। उनके आवास के बाहर दर्जनों वाटर कूलरों की व्यवस्था की गई है, जिससे राहगीरों को तपिश से राहत मिलती है। यही नहीं, प्रत्येक सप्ताह दो बार मीठे शरबत का वितरण भी किया जा रहा है, जो वर्षों से अनवरत जारी है। इस सेवा का न कोई समय निर्धारण है, न कोई दिखावा—यह उनके अंदर बसे मानवीय भावों की सहज अभिव्यक्ति है। मोहम्मद आरिफ का यह समर्पण और सेवा भाव न केवल सामाजिक सौहार्द्र को मजबूत करता है, बल्कि वह उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है, जो समाजसेवा को केवल भाषणों या मंचों तक सीमित रखते हैं। उनके इस सेवा कार्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्ची राजनीति वही है जो जनता के सुख-दुख में सहभागी बने, और मोहम्मद आरिफ आज इसी श्रेणी में एक सशक्त नाम बन चुके हैं।

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