पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के शहरों में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ-साथ सस्ती आरामदायक सुलभ यात्रा को साकार करती इलेक्ट्रिक बसे

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार का नगर विकास विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश की शहरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर गंभीर प्रयास कर रहा है। इसी के अन्तर्गत प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रारम्भ किया गया है। भारत सरकार द्वारा 2015 में फेम इण्डिया योजना (एफएएमई फास्टर एडॉप्शन एण्ड मैन्युफैक्चरिंग आफहाइब्रिड एण्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स-इण्डिया) की शुरूआत देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता व उपयोगिता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ की गई थी। इसका उद्देश्य पेट्रोल एवं डीजल की खपत में कमी लाना, पेट्रोल-डीजल से संचालित वाहनो ंसे होने वाली प्रदूषण को कम करने और ग्रीनहाउस गैस में उत्सर्जन को कम करना भी था। फेम इण्डिया स्कीम के प्रथम चरण में भारत सरकार के भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय द्वारा लखनऊ शहर के लिए 40 इलेक्ट्रिक बसों का आवंटन किया गया था, जिसका संचालन लखनऊ शहर के विभिन्न मार्गों पर एस0पी0वी0 लखनऊ द्वारा कराया जा रहा है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, मथुरा में जे0एन0एन0यू0आर0एम0 के तहत गठित एस0पी0वी0(स्पेशल पर्पज व्हीकल) के अतिरिक्त फेम इण्डिया-2 योजनान्तर्गत 07 शहरों यथा-अलीगढ़, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, गोरखपुर एवं झांसी में भी एस0पी0वी0 का गठन कर इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की कार्यवाही गतिमान है।
फेम इण्डिया स्कीम-2 के अन्तर्गत उपर्युक्त उल्लिखित 14 शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के माध्यम से इन शहरों में परिवहन व्यवस्था में आमूल-चूलबदलावलाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके अन्तर्गत दिनांक 19 दिसम्बर, 2021 को लखनऊ में नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन द्वारा 60 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झण्डी दिखाई गयी है। इसके पूर्व ही लखनऊ में ही मंत्री जी द्वारा 20 जुलाई, 2021 को 1090 चौराहे पर 04 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के प्रोटोटाइपट्रायलरन का शुभारम्भ किया गया था। लखनऊ में 60, कानपुर में 20, वाराणसी में 25 बसों का संचालन प्रांरम्भ कर दिया गया है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हेतु रूपये 144.22 करोड़ की लागत से प्रस्तावित शहरों में कार्यदायी संस्था सी0एण्डडी0, उ0प्र0 जल निगम, लखनऊ के माध्यम सेमेण्टेनेन्सडिपों भी बनाये जा रहे है। जिससे इन बसों का रख-रखाव आसान होगा।
ठन इलेक्ट्रिक बसों की यह खासियत है कि यह शून्य उत्सर्जन करती है अर्थात् इनसे पर्यावरण को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है। जबकि डीजल बसें वायु प्रदूषण का प्रमुख स्त्रोत होती है। इलेक्ट्रिक बसों से ध्वनि प्रदूषण पर भी लगामलग सकेगा क्योंकि यह बसें ज्यादा शोरन हीं करती है। इनमें स्वचालित ट्रांसमिशन की सुविधा के साथ ही वातानुकूलन की सुविधा भी है। यह एक बार पूर्णतः चार्ज होने पर तथा शहरी परिस्थितियों में चार्जिंग की सुविधा होने पर 120 किमीसे 200 किमी तक का सफर तय कर सकेगी। इन बसों के अन्दर 151 ाीलिक्विडकूल्डलिथियम-आयनबैटरी लगी है, जो 30-45 मिनटमेंचार्ज हो सकती हैं। ये सभी लो फ्लोर बसें है, जिन्हें शहरी सघन ट्रैफिक में भी आसानी से चलाया जा सकता है। दिव्यांगों की विशेष सुविधा के दृष्टिगत इनमें रैम्प सुविधा के साथ व्हीलचेयर की पहुंच प्रदान की गयी है। इस प्रकार भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिव्यांगों की सुविधा के लिए चलाई जा रही ’’सुगम्य भारत योजना’’ को भी इससे बल मिल रहा है। इनमें सुरक्षा के दृष्टिगत सी0सी0टी0वी0कैमरे लगे है। साथ ही एल0ई0डी0 डेस्टीनेशन बोर्ड के साथ ही पब्लिक एड्रेससिस्टम भी लगा है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए इनमें पैनिक बटन भी लगाया गया है, साथ ही आग लगने की त्वरित सूचना देने हेतु फायर डिटेक्शन एण्ड सप्रेशन सिस्टम (एफ0डी0एस0एस0) भी लगाया गया है।