नवरात्रि और दिवाली के त्यौहार के मददेनजर नगरपालिका की बोर्ड बैठक बुलाई गई। जिसमें सफाई, प्रकाश व्यवस्था और मरम्मत कार्य को लेकर सभासदों ने अपनी बात रखी। कुछ सभासद आपस में ही भिड़ गए। एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हालांकि किसी तरह समझाकर उन्हें शांत कराया गया। प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त कराने समेत कई बिंदुओं पर प्रस्ताव दिए गए और सभी ने सहमति जताई।
बुधवार को नगरपालिका सभागार कक्ष में बोर्ड बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन डॉ. आस्था अग्रवाल और प्रभारी ईओ देवेंद्र सिंह ने की। पिछली बोर्ड बैठक की प्रोसीडिंग को लेकर चर्चा की गई। लेकिन पूर्व में सभासदों के द्वारा रखे गए प्रस्ताव को प्रोसीडिंग में शामिल न करने पर सभासद गोकुल प्रसाद मौर्या,वतनदीप मिश्रा आदि ने विरोध जताकर लिपिक संतोष सक्सेना को निलबिंत करने का प्रस्ताव रखा।
इस पर प्रभारी ईओ ने अगली बार इस तरह की गलती दोहराने पर निलंबन की चेतावनी दी। सभासद इकबाल हजरत खां ने कहा कि वार्ड में कई जगह नाले नालियां टूटी पड़ी हैं। जिनकी मरम्मत न करने का कारण पूछा। चेयरमैन ने कहा कि वल्लभनगर में कार्य शुरु कराया गया है, जो सभी वार्डो में कराया जाएगा। इसके लिए कमेटी गठित कराई जाएगी।
कमेटी वार्ड में जाकर मरम्मत का कार्य कराएंगी। महिला सभासद पुष्पा उपाध्याय ने वार्ड में फॉगिंग न होने पर हंगामा किया। वार्ड 25 के सभासद साकेत सक्सेना ने भी हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि अन्य सभासदों को भी बोलने का मौका मिलना चाहिए।
हाईलाइट होने और कमीशन के चक्कर में हंगामा न किया जाए। इस पर दूसरे सभासदों ने आपत्ति जताई और फिर सभासद आपस में भिड़ गए। किसी तरह चेयरमैन ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया। नगरपालिका की कई जमीन पर अवैध कब्जे चल रहे।
जिनका वाद कोर्ट में चल रहा है। लेकिन अभी तक एक पर भी निर्णय नहीं मिला। इस पर सभासद वतन दीप मिश्रा ने कहा कि पालिका के अधिवक्ता लंबे समय से लगे हुए हैं। लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जमीन खाली नहीं कराई गई।
उन्हें हटाकर किसी अन्य अधिवक्ता को नियुक्ति किया जाए। इस पर प्रभारी ईओ ने तहसील के अधिवक्ता को भी अटैच करने के लिए प्रस्ताव रखा। साथ ही उर्दू अनुवादक को भी नियुक्ति किया जाए। ताकि उर्दू के अभिलेखों को अनुवाद किया जा सके।
सभासद रत्ना शुक्ला ने कहा कि उनके वार्ड में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नहीं पहुंच रही। वार्ड में समय से गाड़ी भेजी जाए। डेयरी संचालकों को नोटिस जारी किए जाएं, ताकि सड़कों पर गोबर की समस्या न दिखे। कूडा निस्तारण आदि को लेकर भी रणनीति बनाई गई।