पीलीभीत पूरनपुर
कूड़ा निस्तारण और ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) प्लस के तहत हो रहे कार्यों में लापरवाही उजागर हो रही है। ग्राम पंचायत माधोटांडा के प्रधान व सचिव द्वारा मानकों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीकों से निर्माण कार्य कराकर सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी तकनीकी जिम्मेदारी निभाने वाले जेई और विभाग के अन्य अधिकारियों को नहीं है। लेकिन हर कोई कमीशन खोरी के चलते भ्रष्टाचार के इस खेल में पूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं और छूट प्रदान किए हुज हैं।
ज्ञात हो कि शासन के आदेश अनुसार ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट पदार्थों का समुचित प्रबंध किया जाएगा। जिससे कि संक्रामक रोगों की रोकथाम हो सके। ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक, पॉलीथीन, धातुओं, कागज, कपड़े थर्मोकोल को कंटेनर के माध्यम से एक जगह पर एकत्र किया जाएगा। सफाई कर्मचारी गांवों में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करेंगे। ग्रामों में सोख पिट, गीला व सूखा कचरा को अलग करने सहित तमाम कार्यों को कराते हुए ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाना है। लेकिन विकास खंड पूरनपुर अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत माधोटांडा में ओडीएफ प्लस के तहत कराए जा रहे कार्यों में भ्रष्टाचार का घुन लगा हुआ है। विभागीय साठगांठ के चलते ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत में एस0 एल0 डब्ल्यू0 एम0 के अंतर्गत कराए जा रहे हैं समस्त निर्माण कार्य अधोमानक के अनुरूप कराए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान द्वारा मानकों को ताक पर रखकर कराए जा रहे निर्माण कार्यों के बाबत पंचायत सचिव और तकनीकी जिम्मेदारी निभाने वाले जेई भी अनजान नहीं है, लेकिन हर कोई सरकारी धन को रेबड़ियो की तरह बांटने की जुगत में लगे हुए दिखाई दे रहे हैं। इसको लेकर पूर्व में कई जागरूक ग्रामीणों ने शिकायत की लेकिन जांच में खानापूर्ति कर शिकायतों का इस तरह निस्तारण कर दिया गया कि शिकायतकर्ता हतोत्साहित होकर भ्रष्टाचार के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो गया। परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन से बेखौफ ग्राम प्रधान सचिव द्वारा नियम विरुद्ध कार्य जारी कर चांदी काटने का खेल बदस्तूर खेला जा रहा है। जो कि एक गहन जांच का विषय है।