अवध पब्लिक स्कूल में आज भारत के महान गणितज्ञ एवं खगोलविद आर्यभट्ट की जयंती धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को गणित के प्रति जागरूक करना तथा आर्यभट्ट के जीवन और योगदान से प्रेरणा दिलाना था। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षाविद लक्ष्मीकांत सर के प्रेरणादायी उद्बोधन से हुई। उन्होंने विद्यार्थियों को आर्यभट्ट के जीवन से परिचित कराते हुए बताया कि आर्यभट्ट का जन्म 476 ईस्वी में हुआ था और उन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में ‘आर्यभट्टीय’ ग्रंथ की रचना की, जो गणित और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में मील का पत्थर है। उन्होंने शून्य की संकल्पना, दशमलव पद्धति तथा π (पाई) का मान सटीक रूप से प्रस्तुत किया, जो आज भी प्रासंगिक हैं। विद्यालय के प्रबंध निदेशक आशीष मिश्रा ने इस अवसर पर गणित के दैनिक जीवन में महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “गणित केवल अंकों का खेल नहीं है, यह सोचने की एक विधि है, जो तर्कशक्ति और समस्या-समाधान कौशल को विकसित करता है। आर्यभट्ट जैसे वैज्ञानिकों ने गणना और ब्रह्मांड के रहस्यों को जोड़कर यह सिद्ध कर दिया कि गणित जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी है।
कार्यक्रम में प्रखर त्रिवेदी और दीक्षा सैनी ने विद्यार्थियों के लिए गणितीय गतिविधियाँ जैसे क्विज़ प्रतियोगिता, पहेलियाँ, और रोचक गणितीय तथ्य प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि “गणित केवल किताबों में सीमित नहीं है, यह चारों ओर फैला हुआ हैं। प्रकृति, संगीत, कला, तकनीक सब कुछ गणित से जुड़ा है। कार्यक्रम का सबसे आकर्षक हिस्सा रहा गणित क्विज़ प्रतियोगिता, जिसमें कक्षा 8 की अनुष्री एवं कक्षा 6 की अक्षिता नेगी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। अंत में विद्यालय के प्रबंध निदेशक आशीष मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा, “इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों को गणित से डरने के बजाय उससे जुड़ने की प्रेरणा देते हैं। आर्यभट्ट जैसे महापुरुषों से प्रेरणा लेकर हमें नवाचार और अनुसंधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।” कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को गणित की सुंदरता और उपयोगिता से परिचित कराया तथा उन्हें तार्किक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।