पीलीभीत : गांव का एक भूमिहीन सत्रह वर्षीय युवक इलाज के अभाव में जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है। उसके पिता पिछले एक केस में पिछले तीन वर्षों से जेल में बन्द है।

पीलीभीत: पूरनपुरअमरैयाकलां निवासी रमेशचन्द्र कुशवाहा के दो पुत्र आलोक कुमार सत्रह वर्ष और प्रिंस कुशवाहा चौदह वर्ष के है। बच्चों की मां उनको छोटे पर ही पिता के पास छोड़कर कहीं चली गई। बच्चे अपने पापा के साथ कुछ वर्ष ही साथ में रह सके और पढ़ाई कर रहे थे। बच्चों के पिता पिछले करीब तीन वर्षों से एक केस में सजा होने से जेल में बंद है। बच्चों के पिता भूमिहीन होने के कारण मजदूरी कर गुजारा करते थे। दोनों बच्चे अपना पेट पालने के लिए इधर उधर काम कर गुजारा कर रहे थे। भूमिहीन होने के चलते और पिता जेल में बंद होने के चलते बच्चे उचित शिक्षा भी ग्रहण नहीं कर सके।
बड़ा लड़का आलोक कुमार पिछले करीब एक माह से इलाज के अभाव में गम्भीर बीमारी में ग्रस्त हो गया। बच्चे के दिमाग में गांठें और टीवी रोग गम्भीर रूप से होना बताया जा रहा है। जो इस समय आलोक कई दिनों से खाना भी नहीं खा पा रहा है और इलाज के अभाव में चारपाई पर ही पड़ा रहता है।

   

आलोक के छोटे भाई प्रिंस कुशवाहा ने बताया कि हमारे पास न जमीन है और न मम्मी और न पापा। जिससे हमारे पास रुपए न होने से अपने भाई की इलाज नहीं करवा पा रहे है। भाई कई दिनों से कुछ खाता पीता भी नहीं है। कुछ दवाई सरकारी अस्तपाल से मिली है वही से नाम मात्र का इलाज से गुजारा चल रहा है। हम दो भाइयों को केवल राशन ही मिलता है उसी से पेट पालते है। हमारे भाई की तबीयत बहुत ही खराब चल रही है। हमको कोई आर्थिक मदद मिल जाती। तो हमारे भाई की जान शायद बच जाए। यदि भाई को अभी सही इलाज नहीं मिला तो भाई का बचना मुश्किल है।