कासगंज में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ?

परियोजना द्वितीय चरण के अंतर्गत दिनांक 24/01/2025 को विकासखंड गंजडुंडवारा के ग्राम जारी एवं विकासखंड सोरों के ग्राम सियापुर और घूरनपुर पुख़्ता में द्वितीय वर्ष की रबी सीजन (Rabi season 2024-25) की एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी डॉ. आदित्य कुमार मौजूद रहे। सहयोगी संस्था इकोआ (ICCOA) से अम्बरीष तोमर (सहायक प्रबंधक) मनोज कुमार पालीवाल (परियोजना प्रभारी), कासगंज ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में जैविक खेती हेतु कीट प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण के साथ साथ कृषकों को जीवामृत, बीजामृत, दशपर्णी, निमास्त्र, बर्मी कम्पोस्ट आदि जैविक इनपुट को बनाने व उसके प्रयोग करने करने की विधि को बताया साथ ही किसान हित में अन्य योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।कृषकों को हरी खाद लगाने के फायदे, प्रोत्साहन राशि (डीबीटी) के बारे मे जानकारी दी गई, इसके अतिरिक्त लाइव डेमोंस्ट्रेशन के दौरान इकोआ के आकाश एवं सचित ने किसानो को वेस्ट डी कम्पोज़र बनाया एवं उपयोग करने की विधि के साथ होने वाले लाभ के साथ किसानों ने अपनी समस्याओं का प्रश्नोत्तर के माध्यम से समाधान भी पाया | जिसमें संस्था के एल. आर. पी. प्रवीण कुमार, अजय कुमार और आरती एवं भड़पुरा ग्राम प्रधान दुर्वेश कुमार एवं घूरनपुर के ग्राम प्रधान रतन पाल व सभी समूह संयोजक सहित समूह के कृषक उपस्थित रहे व उपरोक्त सभी विधियों का पालन के लिए आश्वासन भी दिया। किसानो ने बताया कि बीजामृत से गेहूँ के बीज को उपचारित कर एवं DAP के स्थान पर प्रोम जैविक खाद के साथ बोया गया उसके बाद प्रत्येक सिचाई के साथ फसल मे जीवामृत को डालने से अन्य किसानो की फसल की अपेक्षा अधिक सुद्रढ और हरी है और आशा है कि उत्पादन भी अधिक होगा। इकोआ से मिस्टर सचित कुमार और आकाश ने किसानों को बताया कि अगर किसान जैविक खेती करता है तो बाजार में उनकी फसल का मूल्य पी. जी. एस. सर्टिफिकेशन के आधार पर बाजार में उपस्थित अन्य फसल से ज्यादा मिलेगा। और किसान समृद्ध बनेगा।

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