अटकोना गांव से पकड़ी गई बाघिन चौथे दिन भी माला गेस्ट हाउस में पिंजरे में कैद रही। शुक्रवार को एनटीसीए के डीआईजी डॉ. वैभव माथुर बाघिन के स्वास्थ्य की जानकारी करने यहां पहुंचे। बताया गया कि बाघिन के खून की जांच रिपोर्ट आईवीआरआई से सामान्य आई है। बाघिन पूरी तरह से स्वस्थ है।
कलीनगर क्षेत्र के अटकोना गांव से 26 दिसंबर को किसान सुखविंदर सिंह के घर से बाघिन को पकड़ा गया था। बाघिन 11 घंटे तक एक दीवार पर शांत बैठी रही थी। भीड़ होने के बावजूद किसी पर झपटी नहीं थी। इसको लेकर बाघिन के बीमार होने का अंदेशा जताया जा रहा था। यही कारण रहा कि माला गेस्ट हाउस ले जाकर बाघिन का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
अफसरों के निर्देश पर बाघिन के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए खून के नमूना आईवीआरआई भेजा गया था। बाघिन के बीमार होने की हकीकत जानने के लिए एनटीसीए के डीआईजी वैभव माथुर शुक्रवार को पीलीभीत पहुंचे। पिंजरे में बंद बाघिन को देखा। अफसरों से उसके व्यवहार व खान पान के बारे में जानकारी की। जंगल से बाहर घूम रहे बाघों के मामले में भी जानकारी जुटाई। बाघ मित्रों को सक्रिय करने पर जोर दिया।
आईवीआरआई से आई जांच रिपोर्ट में बाघिन में कोई बीमारी नहीं निकली है। वह पूरी तरह से स्वस्थ है। जल्द ही उसे पीटीआर के जंगल में छोड़ा जाएगा।- नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व