कासगंज के अमांपुर के रसलुआ सुलहपुर गांव में बुधवार की रात उन काली रातों में थी जब रातभर पुलिस के वाहनों का शोर, पुलिसकर्मियों के बूटों की आवाज एवं मृतक गौरव के परिवारों के लोगों की चीत्कार गूंजती रही। अफरातफरी ऐसी की गांव के लोग नींद तो दूर पलक भी नहीं झपक सके। वे युवक गौरव के घर और आसपास बैठे रहे। रात करीब दस बजे उसका शव गांव पहुंचा। अधिकारियों ने परिजन से युवक के अंतिम संस्कार के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ इन्कार कर दिया। हालांकि पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर, पीड़ित परिवार को मुआवजा सहित अन्य मांगों पर विचार करने के आश्वासन मिलने पर परिवारीजन माने। शव के गांव पहुंचने के करीब 13 घंटे बाद बृहस्पतिवार को पूर्वान्ह करीब 11 बजे युवक के शव का अंतिम संस्कार हुआ।
दरअसल, गौरव के शव को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को रात उसके गांव रसलुआ सुलहपुर लाया गया था। गौरव के शव का इंतजार करने के लिए लोग गांव के बाहर सड़क पर एकत्रित थे। भीड़ जिधर भी जाती वहीं पुलिस के जवान भी उनके आगे-पीछे खड़े हो जाते। बुधवार की रात 10 बजे एंबुलेंस से गौरव का शव गांव में पहुंचा और वहां चीत्कार मच गया। माहौल इतना गमगीन था कि वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। रात्रि 11 बजे से प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों से युवक के अंतिम संस्कार करने के बारे में पूछा तो उन्होंने अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया।
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों आक्रोशित परिजनों को समझाया मदद का भरोसा दिया, लेकिन वह नहीं माने। मृतक गौरव के भाई जयशिव और पिता रघुराज ने सबसे पहली शर्त रखते हुए कहा कि गौरव को प्रताड़ना देकर मारने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। यह बात उन्होंने एएसपी व अन्य पुलिस अधिकारियों के समक्ष रखी। इस पुलिस अधिकारियों ने पिता से तहरीर मांगी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया, लेकिन फिर वार्ता विफल हुई। परिवार के अन्य लोगों ने 50 लाख रुपये के मुआवजा, पट्टे की दस बीघा जमीन एवं परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात रखी।
प्रशासन के अफसरों ने उन्हें मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया। अफसरों ने कहा कि शासन के माध्यम से जो भी अपेक्षित मदद अधिकतम होगी वह की जाएगी, लेकिन परिवार के लोग लिखित आश्वासन की बात कर रहे थे। रात्रि 11:30 बजे वार्ता का यह सिलसिला जारी था, लेकिन कुछ हल नहीं निकला। दिल्ली से आए बहुजन शायर अभिषेक, आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष विशाल कुमार, बसपा जिलाध्यक्ष डीपी राना, बसपा नेता राजेंद्र गौतम, भाजपा नेता केपी सिंह ने परिजनों से वार्ता कर प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की। वार्ता के दौरान बात बनती, लेकिन कुछ न कुछ अवरोध पैदा हो जाता।
इसी तरह से परिजनों और मध्यस्थों से वार्ता के दौर चलते रहे। रातभर में किसी भी तरह की कोई सहमति नहीं बनी। इसके बाद परिजनों से वार्ता का क्रम टूटा और प्रशासनिक अफसरों ने ग्राम प्रधान व आस पास के ग्राम प्रधानों एवं कुछ अन्य लोगों से बातचीत की। बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे अमांपुर के भाजपा विधायक हरिओम वर्मा मौके पर पहुंचे। विधायक ने बसपा आजाद समाज पार्टी व अन्य संगठनों के लोगों से बातचीत की और समझौते का मसौदा तैयार कराया। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने समझौते के बिंदुओं की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी और परिवार के लोग युवक के शव के अंतिम संस्कार को राजी हुए। पूर्वाह्न 11 युवक का शव अंतिम संस्कार के लिए पास के ही अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया जहां भाई जयशिव ने गौरव के चिता को मुखाग्नि दी।