विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को कहा कि अभी इसके कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिससे कहा जा सके कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन दूसरे वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है या यह बीमारी को अधिक गंभीर बनाता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़े बता रहे हैं कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। परंतु, इसकी वजह यह भी हो सकती है कि बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं।
हालांकि, संगठन ने एक बयान जारी कर यह दोहराया भी है कि इस वैरिएंट से लोगों के दोबारा संक्रमित होने का खतरा अधिक हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने यह भी कहा है कि वह विशेषज्ञों के साथ मिलकर नए वैरिएंट के मौजूदा रोकथाम उपायों और वैक्सीन पर संभावित प्रभाव समझने की कोशिश कर रही है। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि ऐसी कोई जानकारी भी नहीं मिली है जिससे यह पता चलता हो कि ओमिक्रोन कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट से अलग है।
डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के नए वैरिएंट B.1.1.529 को ओमिक्रोन नाम दिया। संगठन ने इसे ‘ वैरिएंट आफ कंसर्न (VOC) की श्रेणी में डाल दिया है। इसमें 30 से ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं, जिसके कारण दुनियाभर के वैज्ञानिक चिंतित हैं। माना जा रहा है कि इस स्ट्रेन के खिलाफ वैक्सीन अप्रभावी साबित हो सकती है। इस नए वैरिएंट के बारे में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका ने जानकारी दी।इसके बाद से पूरे विश्व में दहशत का माहौल है। दुनियाभर के कई देशों में इस स्ट्रेन के मामले सामने आ गए। सबसे ज्यादा नीदरलैंड में ओमिक्रोन के 13 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल, हांगकांग में भी कोरोना के इस नए वैरिएंट के मामले पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि ओमिक्रोन में डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले दोगुना तेजी से म्युटेशन हो रहा है।