पीलीभीत में टाइगर रिजर्व के जंगल से बाहर आकर आबादी इलाके में लोगों की जान के लिए खतरा बने हिंसक वन्यजीवों को जंगल में ही रोकने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत टाइगर रिजर्व राहत आपदा से माला, महोफ और बराही रेंज में जंगल के बाहर जाल फेंसिंग का कार्य कराया जाएगा। इससे पहले इन्हीं रेंज में करीब 40 किलोमीटर एरिया में फेंसिंग कराई गई थी। अब 25 किमी का हिस्सा कवर किया जाएगा।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ ही अन्य वन्यजीवों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। इससे जंगल का दायरा भी कम पड़ने लगा है। यही कारण है कि आए दिन वन्यजीव गांवों और खेतों में विचरण करते देखे जा रहे हैं। जंगल से बाहर वन्यजीवों के आने से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। वन्यजीवों को जंगल में ही रोके रखना अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
ऐसे में अधिकारी सीमा क्षेत्र में जाल फेसिंग पर जोर दे रहे हैं। पूर्व में माला, बराही और महोफ रेंज में 40 किलोमीटर में जाल फेसिंग कराई गई थी। काफी हद तक अधिकारियों ने इसे सफल माना है। अब फिर से टाइगर रिजर्व की माला, बराही और महाेफ रेंज में करीब 25 किलोमीटर में फेंसिंग कराई जाएगी। इस पर सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले महीने से काम शुरू हो जाएगा।
पूर्व में हुई जाल फेंसिंग से वन्यजीवों के बाहर आने की घटनाएं उस क्षेत्र में कम हुई हैं। अब तीनों रेंजों के शेष भाग में भी फेंसिंग कराई जा रही है। इससे वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर रोक लग सकेगी। – नवीन खंडेलवाल, डीडी, पीलीभीत टाइगर रिजर्व