नालंदा:-बिहार शरीफ प्रखंड के दीपनगर गांव में चक्रवर्ती महान सम्राट अशोक जी का 2328 व जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

आजाद समाज पार्टी काशीराम प्रदेश सचिव भीम आर्मी भारत एकता मिशन संविधान रक्षक रंजीत कुमार चौधरी ने कहा चक्रवर्ती महान सम्राट अशोक की गिनती मानव इतिहास के सबसे महान शासको में होती है वह मौर्य वंश के तीसरे राजा थे .जिसे चंद्रगुप्त मौर्य ने स्थापित किया था सम्राट अशोक ने 272 व ईसा पूर्व अपने पिता बिंदुसार की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली. वह शुरुआती दिनों में बेहद क्रूर राजा थे लेकिन कलिंग युद्ध के बाद उनका हृदय परिवर्तन हुआ और आगे उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाते हुए युद्ध का त्याग कर दिया .उन्होंने अपनी धर्म नीति के तहत प्रजा के नैतिक विकास और सामाजिक व्यवस्थाओं की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया प्रदेश सचिव ने कहा पूरे भारत में 84000 बौद्ध स्तूत बनवाए थे सम्राट अशोक ने हजारों साल पहले जिस धर्मनिरपेक्ष राज्य की नीब रखी थी. वह हमारे संविधान की सबसे मजबूत कड़ी है प्रदेश सचिव ने कहा सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है सम्राट अशोक को चक्रवर्ती सम्राट अशोक कहा जाता है जिसका अर्थ है सम्राटों के सम्राट और यह स्थान भारत के केवल सम्राट अशोक को मिला है सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए ही जाना जाता था. भारत का नंबर बन चंद्रगुप्त मौर्य, चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की और एक ही राज्य के तहत ग्रेटर भारत के अधिकांश हिस्से को एकजुट करने वाले पहले शासक थे पूरे भारत को अखंड भारत बनाने वाले हमारे चक्रवर्ती महान सम्राट अशोक जी थे चक्रवर्ती महान सम्राट अशोक की विशेषताएं उसे महान बनाती है. मौर्य सम्राट अशोक के आदर्श धर्म लोक के हित में लोक सेवा तथा धर्म की संपूर्ण विशेषताओं के साथ-साथ उसकी विजय उसका शासन और कला प्रेम आदि सभी कुछ महान था, इसलिए मौर्य सम्राट अशोक को सभी शासको में महान कहा जाता है सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिया अशोक मौर्य था. उनका राजकाल ईसा पूर्व 269 से 232 प्राचीन भारत में था. इस मौके पर रोशन बौद्ध, भवानी बौद्ध ,शंकर बौद्ध, राजदेव ,रविदास, नरेश, रविदास, चंदन ,रविदास, धर्मेंद्र, रविदास, निजी रविदास, आदर्श कुमार, बिट्टू कुमार, अंकित कुमार, गुलशन रविदास, शिवम कुमार, रंजीत कुमार, विष्णु कुमार, शांति कुमार ,राजेश पासवान, विद्यानंद प्रसाद ,बबलू रविदास दर्जनों लोग उपस्थित थे.