पीलीभीत में मलेरिया ने तोड़ा तीन साल का रिकॉर्ड

पीलीभीत के जिले में डेंगू के साथ ही मलेरिया के मरीजों ने बीते तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन सालों में रोग पीड़ित मरीजों की संख्या कभी भी 50 के पार नहीं गई, लेकिन शुक्रवार तक यह बढ़कर 479 पहुंच गई है।

वर्ष 2020 में जनपद के मात्र 38 लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई थी। इसी तरह अगले साल वर्ष 2021 में भी मात्र 38 लोग मलेरिया की चपेट में आए। वर्ष 2022 में कुछ आंकड़ा बढ़ा तो संख्या 42 पहुंच गई, लेकिन इस साल अब तक 479 लोग मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं। यह अभी फाइनल आंकड़ा नहींं है। अब भी कैंपों में मरीजों की जांचें की जा रहीं हैं और लोग संक्रमित मिल रहे हैं। जिले में जब से संक्रामक बीमारियां बढ़ी हैं तब से लगातार बुखार से पीड़ितों की जांच कराई जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक- अब तक 99 हजार से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है।

2018 और 2019 में भी मिल चुके हैं सर्वाधिक मरीजजिले में इस बार मलेरिया बहुत तेजी से बढ़ रहा है यह बात तो सच है, लेकिन इससे भी अधिक वर्ष 2018 और 2019 में बढ़े थे। वर्ष 2018 में 588 लोग मलेरिया की चपेट में आए थे तो वहीं 2019 में 658 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए थे।

दो और डेंगू के मरीज मिलेजिले में डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को 916 लोगों की जांच में दो लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए। डेंगू का सीजन शुरू होने से अब तक 12633 लोगों की डेंगू की जांच कराई जा चुकी है, जिसमें 1789 लोग एनएच-1 और 178 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं।

डेंगू और मलेरिया के रोकथाम को लेकर लगाकर छिड़काव और फॉगिंग कराई जा रही है। काफी हद तक कंट्रोल भी हुआ है।-डॉ. पंकज द्विवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी

60 बुखार पीड़ित मरीजों में एक डेंगू पॉजिटिव निकला

पूरनपुर के गांव धरमंगदपुर में बुखार के मरीजों की संख्या अधिक होने की जानकारी पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से चीफ फार्मासिस्ट सुशांत हलधर की देखरेख में शिविर लगाया गया। इसमें 60 मरीज बुखार के पहुंचे। 30 मरीजों की डेंगू और 30 की मलेरिया बुखार की जांच कराई गई। जांच में एक मरीज डेंगू बुखार से पीड़ित निकला।