मैनपुरी: परिस्थितियों को मात दे जिले का नाम रोशन कर रहीं जिले की महिला


मैनपुरी। दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतियों को हराते हुए आधी आबादी आगे बढ़ रही है। कोई शिक्षा, कोई समाज सुधार तो कोई खेल में जिले का नाम रोशन कर रहा है।

बदलते युग में महिलाओं ने तेजी के साथ प्रगति के रास्ते पर पैर रखा है। इसी प्रकार यदि उन्हें अवसर मिलते रहें तो निश्चित ही महिलाएं देश के विकास में बेहतर योगदान दे सकेंगी। जिले में भी महिलाओं ने केवल खेलों में ही नहीं बल्कि सामाजिक कार्यों में भी अपना नाम रोशन किया है। आज ऐसी ही कुछ महिलाओं से आपको रूबरू कराते हैं।
महिलाओं को जागरूक कर रहीं वर्तिका
कंपोजिट विद्यालय देवामई पर तैनात प्रधानाध्यापिका वर्तिका अवस्थी बच्चों की शिक्षा के साथ ही समाज सेवा में भी पूरा योगदान दे रही हैं। गांव में नारी चौपाल लगाकर महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा की जानकारियां दे रही हैं। यदि गांव में किसी के घर बेटी होती है तो वर्तिका उस घर में बधाई देने पहुंचती हैं। वर्तिका की मेहनत का ही फल है कि कंपोजिट विद्यालय देवामई को शिक्षा मंत्रालय द्वारा ट्विटर हैंडल पर स्थान दिया गया है।

नेहा ने छात्राओं को दिलाया राष्ट्रीय सम्मान
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गणेशपुर की शिक्षिका नेहा हजेला को जहां शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए जाना जाता है। वहीं वे बालिकाओं के विकास और उनकी उन्नति के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही हैं। उनकी मेहनत के चलते पूर्व माध्यमिक विद्यालय गनेशपुर की पांच छात्राओं को विप्रो अर्थियन फाउंडेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार में स्थान दिया गया। विद्यालय की छात्राएं प्रतिभा, रौनक, दीक्षा, आस्था और रुचि को भी राष्ट्रीय सम्मान मिल सका।
मयंका ने महिलाओं को दी नई दशा
प्राथमिक विद्यालय चनेपुर छबीलेपुर पर कार्यरत प्रधानाध्यापिका मयंका शर्मा महिला उत्थान के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। वे गांव की महिलाओं को विकास की दशा में ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। उनके द्वारा महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए मेरे हस्ताक्षर मेरी पहचान अभियान चलाया जा रहा है। अब तक वह गांव की 50 से अधिक महिलाओं को साक्षर बना चुकी हैं।
पूनम ने 30 हजार लोगों की जांच की
कोरोना महामारी के बीच जब लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे थे उस समय सीएचसी कुचेला पर तैनात पूनम लोगों के घरों पर पहुंचकर उनकी जांच करने का कार्य कर रही थी। सीएचसी कुचेला पर कार्यरत पूनम ने कोरोना महामारी के दौरान लगातार बिना अवकाश लिए कार्य किया। पूनम ने जिले के 30 हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच की।

रिपोर्ट: अर्पित शर्मा