जनपद मैनपुरी में नगर निकाय चुनाव की रणभेदी बज चुकी है। शहर और कस्बों की सत्ताओं में किसी को अध्यक्ष तो किसी को सभासद पद हासिल करने की दौड़ में जुट गए हैं। हालांकि नामांकन से पहले अपने अवने दलों का सिंबल प्राप्त करने के लिए प्रत्याशियों ने अपने अपने आकाओं के दरवार में सिंबल प्राप्त करने में लिए हाजिरी लगाई लेकिन मन की मुराद पूरी नहीं हुई। मन की मुराद पूरी ना होने पर यह लोग बगावती तेवर अख्तियार कर चुनावी दंगल में कूद पड़े। यह बगावती चेहरे राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। इस समय जिले में सपा, बसपा, भाजपा के यही हालत हैं। ऐसे में अपने अपने दलों के समर्थक अपने अपने दलों के प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
जिले की नगर पालिका मैनपुरी पर भी बगावती तेवर देखने को मिल रहे जहां दलों से टिकट मांग रहे प्रत्याशी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर कर दलों के समीकरण बिगाड़ रहे हैं। फिर ऐसे में भगवा खेमे में नगर पंचायत करहल, नगर पंचायत कुसमरा,नगर पंचायत भोगांव में आपस में रार के साथ बगावत का झंडा बुलंद है।
सपा-बसपा में बगावती नेताओं की भरमार
हालांकि जिले में सपा-बसपा खेमे में भी बगावती चेहरे चुनाव मैदान में है। हालांकि ऐसे में दलों के सभी प्रत्याशियों को अपने-अपने दलों के समर्थकों से भितरघात का डर सता रहा है। दलों के प्रत्याशियों के साथ अगर दल के समर्थकों ने भितरघात कर दिया तो उनकी नैया पार लगने वाली नहीं। ऐसे में सभी प्रत्याशी अपने अपने रूठे समर्थकों को मनाने मैं एड़ी से चोटी का जोर लगा रहे हैं।