मैनपुरी : LIC अभिकर्ताओं के हितों की अनदेखी पर मनाया विश्राम दिवस

मैनपुरी : भारत सरकार एवं बीमा नियामक विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार जीवन बीमा निगम के ग्राहको एवं अभिकर्ताओं के हितों की अनदेखी होने के विरोध में शहर भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा-एक पर अभिकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को विश्राम दिवस मनाया गया। इस दौरान अभिकर्ताओं ने दफ्तर में जाना मुनासिब नहीं समझा ।

अभिकर्ताओं ने सरकार को चेताया कि अगर संगठन द्वारा प्रस्तावित बिंदुओं पर आईआरडीए और भारत सरकार ने नहीं चेता तो अभिकर्ता सड़क पर अपनी लड़ाई को लेकर उतरने को मजबूर होगें। कुछ मांगो को लेकर अभिकर्ताओं ने निगम की मैनपुरी शाखा में किसी भी प्रकार का कार्य बंद रखा। अभिकर्ताओं को मांगे ये हैं

१-बीमाधारको का बोनस दर में वृद्धि की जाए।आनंदा पर कडा प्रतिबंध लगाया जाए।
२-इंश्योरेंस एजेंट पोर्टिबिलिटी नियम बिलकुल गलत है।भारत में निगम के १२,५०,००० से अधिक अभिकर्ताओं के परिवार या अन्य निजी बीमा कंपनियों के लाखो अभिकर्ताओं के परिवार प्रभावित होगे।
३-भारतीय जीवन बीमा निगम अभिकर्ता देश के प्रत्येक वर्ग पर कार्य करता है और ऑनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत गरीब इस सेवा के कारण सर्वाइव नही कर पाया।
४-बीमा एक आग्रह की विषय वस्तु है १५% कालातीत नियम एक अवैध नियम है।
५-अभिकर्ताओं के कमीशन दर में १९५६ से कोई वृद्धि नही की गई।रिनुवल कमीशन में वृद्धि की जाए।
६-निगम के अभिकर्ताओं के कैश काउंटर नियमित चलाए जाए।
७-आई०आर०डी०ए०आई० चेयरमैन श्री देवाशीष पांडा ने बीमा अधिनियम १९३८ धारा ४१ का उलंघन किया है। कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।
८-भारत एक लोकतांत्रिक देश है निगम की सभी शाखाएं लोकतांत्रिक ढंग से चलाई जाए।
९-निगम इस समय नए प्रकार के बॉन्ड छाप रहा है इस बॉन्ड में खर्च बहुत अधिक है अतः बॉन्ड पुरानी प्रक्रिया की भाती छापे जाए।आई०आर०डी०ए०आई चेयरमैन देवाशीष पांडा ने डीमेट खाता अनिवार्य कर दिया है ये एक गलत नियम है इस पर कडा प्रतिबंध लगाया जाए।