मैनपुरी के थाना क्षेत्र की चौकी क्षेत्र में पीड़ितों को चौकी पर बंद कर उनकी पिटाई के मामले में एसपी ने जांच के बाद चौकी इंचार्ज और तीन सिपाहियों को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है। पीड़ितों का आरोप था कि उनको छोड़े जाने के बदले पुलिस कर्मी रुपयों की मांग कर रहे थे। जब वह रुपए नहीं दे पाए तो उन लोगों की बेरहमी से पिटाई की गई।
मामला हाई लाइट हो जाने के बाद एसपी ने दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर मामले की जांच सीओ भोगांव को सौंपी थी। जिसमें दोषी पाए जाने पर कार्रवाई हुई है। एसपी की पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।
मामला बेवर थाना क्षेत्र नवीगंज क्षेत्र में स्थित चौकी से जुड़ा है। जहां गांव निवासी आदेश उर्फ पंछी कठेरिया का गाड़ी और ड्राइवरी को लेकर उसके पड़ोसी विजय कठेरिया से झगड़ा हो गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने झगड़ा कर रहे दोनों पक्षों के दो-दो लोगों को चौकी पर बैठा लिया था। आरोप है कि बैठाए गए लोगों को चौकी से छुड़ाने के लिए उनके परिजनों से पैसों की डिमांड की, जिसकी मांग पूरी न होने पर डिमांड लगातार बढ़ती रही।
पीड़ित और उसकी गाड़ी को चौकी से छोड़ने के एवज में पुलिसकर्मियों की रिश्वत मांगने की डिमांड 40 हजार रुपयों तक पहुंच गई। जिसे देने में परिजनों ने असमर्थता जताई। आरोप है कि जब रुपये नहीं दिए तो पीड़ित आदेश और उसके भाई की पुलिसकर्मियों ने कपड़े उतार कर थाने में रखे पट्टे और बेल्टों से जमकर मारपीट की। उसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों पर लड़ाई झगड़े की धाराओं में चालान कर दिया। घटना की शिकायत एसपी से की गई थी।
मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि मामले की जांच सीओ भोगांव सुनील कुमार को सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद लाइन हाजिर किए गए सिपाही लोकेंद्र सिंह, करतार सिंह, सुबोध कुमार तोमर और चौकी इंचार्ज आदेश भारद्वाज को सस्पेंड किया गया है। पुलिस के अनुसार जांच में यह सभी लोग दोषी पाए गए। सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मामले की शिकायत उनके पास आई थी। जिसकी जांच सीओ भोगांव को सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर 3 सिपाहियों और चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर इनकी विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। थाना बेवर की नवीगंज चौकी पर नए स्टाफ की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि एसपी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।