कोसमा के विधूना स्थित मार्कंडेय आश्रम में मंगलवार से लक्खी मेले की शुरुआत हो गई। सोमवार शाम को ही आसपास के जनपदों से हजारों भक्त जहां पहुंच गए। मंगलवार तड़के भक्तों ने पवित्र सरोवर में स्नान करने के बाद मंदिर में मार्कंडेय ऋषि की पूजा अर्चना। मान्यता है कि हजारों साल पूर्व इस दंडक वन में ऋषि मृकुंड के यहां काफी प्रयासों के बाद मार्कंडेय का जन्म हुआ। जन्म के समय उन्हें 11 साल का ही जीवन प्राप्त हुआ। इसी बीच भ्रमण करते हुए सप्त ऋषियों का यहां से गुजरना हुआ तो मार्कंडेय ने सेवा सत्कार किया। फलस्वरूप उन्होंने दीर्घायु का आशीर्वाद दिया। मार्कंडेय ने अपनी तपस्या के बल पर दीर्घायु प्राप्त की एवं सभी तीर्थों के भांजे माने गए। लोगों में आस्था है कि सरोवर में स्नान करने से मन वांछित फलों की प्राप्ति होती है।
जाम में परेशान रहे श्रद्धालु
मार्कंडेय ऋषि की तपोभूमि पर लगे मेला में पहले दिन काफी भीड़भाड़ रही। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। बावजूद इसके मार्कंडेय आश्रम को जाने वाले मार्गों पर जाम के हालात रहे। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।