मैनपुरी: मोहब्बत के प्रतीक सारस को नया जीवन देगा समान पक्षी विहार

मैनपुरी: दुनियाभर में मोहब्बत के प्रतीक सारस का जीवन संकट में है। लेकिन, एक खुशखबर भी है। यूपी के मैनपुरी में 526 हेक्टेयर में फैले समान पक्षी विहार में इन दिनों सारस पक्षियों ने जगह-जगह अंडे दिए हैं। गर्मी के दिनों में भी यहां के वेटलैंड गुलजार हैं। वन विभाग नन्हें सारसों के संरक्षण में जुटा है। कोविड काल खत्म होते ही समान पक्षी विहार को देश का सबसे बड़ा सारस सर्किट घोषित करवाने की कवायद शुरू की जाएगी। सारस सर्किट में 2866 दुलर्भ प्रजाति के सारस की गणना की गयी ह

उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की प्रजाति लुप्तप्राय है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने इस प्रजाति को संकटग्रस्त प्रजाति घोषित किया है। इसीलिए राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए उप्र सरकार मैनपुरी पर्यटन सारस सर्किट को विकसित कर रही है। सरकार की कोशिशें रंग ला रही हैं। मैनपुरी की सीडीओ ईवा शर्मा का कहना है कि मैनपुरी पर्यटन सारस सर्किट बनाने की पहल पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई थी। कोरोना के चलते इस काम में बाधा आयी। लेकिन, एक साल में काफी सफलता मिली है।

दस नए वेटलैंड चिन्हित

मैनपुरी जिले में दस बड़े नए वेटलैंड चिह्नित किए गए हैं। यहां सारस को संरक्षित किया जाएगा। तालाब के किनारे वॉच टावर बनाए जा रहे हैं। ताकि शिकार रोका जा सके। बरनाहल-मैनपुरी मार्ग पर स्थित गांगसी तालाब, सहज, सहन, सौज और घिरोर के विधूना में सारस सर्किट पर काम चल रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे करहल गांव सौज में सबसे बड़े 108 हेक्टेयर के तालाब की खोदाई चल रही है। खोदाई मनरेगा के जरिए हो रही है। ताकि श्रमिकों को भी रोजगार मिले। यहां के वेटलैंड नहर और रजबहों से जुड़े हैं। इससे गर्मियों में भी पानी रहता है। इसके अलावा नम भूमि होने के चलते कीट आदि भी रहते हैं। इससे पक्षियों को भोजन आसानी से मिल जाता है।

सर्वाधिक आबादी मैनपुरी में

पूरे देश में सारसों की सर्वाधिक आबादी मैनपुरी में है। विशेषकर किशनी और करहल क्षेत्र में संख्या अधिक है। क्योंकि, यहां वेटलैंड्स अधिक हैं। करीब 526 हेक्टेयर में फैले समान पक्षी विहार में सारसों के साथ ही विदेशी परिंदे भी सर्दियों में प्रवास करने आते हैं।

यह पक्षी भी आते हैं मैनपुरी में

नवंबर के माह में मैनपुरी में प्रवासी पक्षी आने शुरू हो जाते हैं। इनमें साइबेरियन क्रेन, गीज, टील, पिनटेल, ब्रह्मनी डक, मलार्ड, पोचर्ड, पेलिकन, गैडवाल शामिल हैं। जबकि, स्थानीय पक्षियों में ओपन बिल्ड स्टॉर्क, व्हाइट आइबिस, डार्टर, कारमोरेंट, सारस क्रेन, पेंटेड स्टार्क, पाइड किंग फिशर, परवल, वाटर हेन की बहुतायत होती है।

सारस की यह है खासियत

सारस दुनिया का सबसे विशाल उडऩे वाला पक्षी है। भारत में इसकी संख्या सबसे अधिक पाई जाती है। यह जीवनभर जोड़े के रूप में साथ रहते हैं। यदि किसी एक सारस की मौत होती है तो दूसरा सारस भी कुछ दिनों बाद मर जाता है। इसीलिए ही इन्हें परस्पर प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

कहां कितने क्षेत्रफल में हो रहा काम

सौज-108 हेक्टेयर
सहन-30 हेक्टेयर
सहस-3 हेक्टेयर
हसेल-4 हेक्टेयर
नगला झड़ू- 1 हेक्टेयर
कुदैया-2 हेक्टेयर
सारंग-2 हेक्टेयर

क्या कहना है जिम्मेदार अफसर कामैनपुरी में वेटलैंड्स अधिक हैं। इसलिए यहां वेटलैंड सर्किट बनाने का काम शुरू किया गया है। जल्द ही मैनपुरी को देश का सबसे बड़ा सारस सर्किट केंद्र घोषित किया जाएगा।
ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी, मैनपुरी

रिपोर्ट अर्पित शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी