विकास खंड क्षेत्र के गांव गोटपुर में 50 लाख रुपये की लागत से बनाया गया स्वास्थ्य उपकेंद्र 14 साल बाद भी शुरू नहीं कराया जा सका है। 50 लाख रुपये हवा होने के बाद भी क्षेत्र के लोगों को दवा नहीं मिल सकी। क्षेत्रीय लोगों ने स्वास्थ्य उपकेंद्र को शुरू कराने की मांग की है।
शासन द्वारा वर्ष 2009 में विकास खंड के गांव गोटपुर में 50 लाख रुपये की लागत से स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना कराई गई थी। शासन की मंशा थी कि क्षेत्र के ग्रामीणों को इस स्वास्थ्य उपकेंद्र पर उपचार मिल सकेगा। लेकिन क्षेत्र के लोगों की उपचार की उम्मीद 14 साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी। स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर और स्टाफ की तैनाती न किए जाने के कारण आज भी यहां ताला लटक रहा है।
क्षेत्र के गांव महालरपुर निवासी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि 14 साल पहले स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में उपचार की जो उम्मीद जगाई थी वह आज तक पूरी नहीं हो सकी है। लाखों रुपये की लागत से बना स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद पड़ा हुआ है। लोगों को आज तक यहां किसी प्रकार की दवा नहीं मिल सकी। ग्रामीण संतोष कुमार का कहना था कि क्षेत्र के लोगों को 10 से 14 किमी दूर सिरसागंज, बरनाहल और जसवंतनगर उपचार के लिए जाना पड़ रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीण आशीष कुमार, टाइगर यादव, नीरज बाबू, जितेंद्र सिंह आदि ने जिला प्रशासन से स्वास्थ्य उपकेंद्र पर उपचार शुरू कराने की मांग की है।
अनदेखी के चलते भवन भी हो रहा जर्जर
लाखों रुपये की लागत से बने स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्वास्थ्य विभाग ने इस कदर अनदेखी की कि 14 साल में ताला तक नहीं खोला गया। नतीजा यह हुआ कि भवन देख रेख के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। भवन के खिड़कियों पर लगे सीसे आदि तोड़ दिए गए हैं।
हजारों का सामान भी हुआ चोरी
स्वास्थ्य उपकेंद्र गोटपुर की स्थापना के दौरान हजारों रुपये की बिजली आदि के उपकरण भी स्थापित किए गए थे। देख रेख के अभाव में असामाजिक तत्व ये उपकरण भी चोरी कर ले गए। स्वास्थ्य विभाग ने ये भी ध्यान नहीं दिया कि कम से कम यहां यदि एएनएम भी बैठती रहती तो भवन की देखरेख होती रहती। यहां स्थापित आयुष्मान केंद्र भी बंद पड़ा हुआ है।
इस संबंध में जानकारी नहीं है, स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थिति का पता लगाया जाएगा। यदि उपकेंद्र संचालित करने लायक होगा तो जल्द स्टाफ की तैनाती कर उपकेंद्र को संचालित कराया जाएगा।
REPORT: YOGESH KUMAR
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ