मशहूर गीतकार इब्राहिम अश्क का रविवार को निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। साथ ही उन्हें निमोनिया भी हो गया था। 70 वर्षीय इब्राहिम अश्क ने मुंबई में अंतिम सांस ली। उनकी बेटी मुस्सफा ने उनके निधन की पुष्टि की। बेटी ने बताया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शनिवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनके कोरोना से संक्रमित होने के बारे में पता चला। डॉक्टर्स ने बताया कि निमोनिया भी हो जाने की वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
इब्राहिम अश्क की बेटी ने बताया कि उनका निधन रविवार की शाम 4 बजे हुआ। सोमवार को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
इब्राहिम अश्क अपने पीछे पत्नी और 3 बेटियों को छोड़ गए हैं।
इब्राहिम अश्क का जन्म मध्य प्रदेश के मंदसौर के मुल्तानपुरा में हुआ। वह हिन्दी और उर्दू में कविता लिखते थे। वह एक पत्रकार भी रह चुके थे। उनका पूरा नाम इब्राहिम खान गौरी था। बाद में उन्होंने अपने नाम के आगे अश्क जोड़ा। इब्राहिम अश्क की शुरुआती पढ़ाई उज्जैन के बंदनगर से हुई। इंदौर विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री ली।
इब्राहिम अश्क ने इंदौर में 4 साल तक पत्रकार के रूप में काम किया। बॉलीवुड में उन्होंने ‘कहो ना प्यार है’, ‘कोई मिल गया’, ‘जानशीन’, ‘ऐतबार’, ‘आप मुझे अच्छे लगने लगे’, ‘कोई मेरे दिल से पूछे’ और ‘धुंध’ के लिए गाने लिए लिखे। ‘कहो ना प्यार है’ का टाइटल ट्रैक, गाना ‘ना तुम जानो ना हम’ उन्होंने ही लिखे थे।