पीलीभीत में युवक की हत्या के मामले में दोषी महिला को अपर सत्र न्यायाधीश राकेश वशिष्ठ ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
सुनगढ़ी थाने के गांव पिपरावाले नंबर दो निवासी बनवारीलाल पुत्र काशीराम ने 29 अगस्त 2019 को थाने में तहरीर देकर बताया कि 27 अगस्त को उसके गांव की गीता देवी पत्नी चंद्रिका प्रसाद उर्फ पप्पू उसके घर से बेटे अमन को बुलाकर ले गई। जब बेटा काफी देर तक वापस नहीं आया तो वह गीता के घर पहुंचे।
अमन के बारे में पूछा तो गीता कुछ नहीं बोली। भाई हरीशंकर व लीलाधर के साथ वह गीता के घर के दूसरी मंजिल पर पहुंचे तो बेटा मृत पड़ा था। गीता ने उसके बेटे की हत्या कर दी थी। हत्या गांव के ही श्यामसुंदर के साथ मिलकर की गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रिपोर्ट में कई जगह चोट पाई गईं। पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन के बाद दोषी गीता देवी को सजा सुनाई। वहीं दूसरी ओर साक्ष्य के अभाव में दूसरे आराेपी श्याम सुंदर को बरी कर दिया। अभियोजन की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता (अपराध) राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने की ।