रेलवे के गेटमैन कमलेश यादव की हत्या के मामले में एक साल के भीतर ही सुनवाई पूरी करते हुए सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने मुख्य आरोपी न्यूरिया थाना क्षेत्र के ग्राम भमौरा निवासी दीनदयाल को दोषी पाते हुए उम्रकैद और 60 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जबकि हत्याकांड में शामिल तीन महिलाएं समेत पांच अभियुक्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिए गए।
अभियोजन कथानक के अनुसार इटावा जनपद के ग्राम सिलोट एरबा निवासी पूनम यादव ने थाना न्यूरिया में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया था कि उसके पति कमलेश यादव रेलवे में गेटमैन हैं, वह बिथरा रेलवे गेट पर तैनाती है। तीन अक्टूबर 2022 की शाम को वह मोटरसाइकिल से दवा लेने बिथरा अड्डा पर गए थे। वापस न आने पर खोजबीन की तो पता लगा कि वह दीनदयाल के साथ बाजार गए थे। पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की।
अभियुक्त दीनदयाल के घर से पुलिस ने कमलेश यादव के शव को बरामद किया। इस घटना में दीनदयाल के परिवार के ही मीना देवी, सुशीला देवी ,नन्ही देवी ,मोहनलाल उर्फ हीरालाल और दयाराम भी लिप्त पाए गए। पुलिस ने मृतक के कुछ कपड़े और बाइक भी बरामद की। विवेचना में पाया गया कि मृतक और दीनदयाल के मध्य रुपये का लेनदेन था। इसी में हत्या की गई। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। राज्य सरकार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध महेंद्र पाल गंगवार ने मृतक की पत्नी समेत छह गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज कराए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता उपेंद्र कुमार मिश्रा ने न्यायालय में तर्क दिया कि कथित रूप से दीनदयाल के घर से शव बरामद होना कहा है। परिवार के अन्य सदस्यों के विरुद्ध कोई भी साक्ष्य नहीं है। न्यायालय में परीक्षित कराए गए गवाहन ने भी दीनदयाल के अलावा अन्य आरोपियों का नाम नहीं लिया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने और सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया। आरोपी दीनदयाल को दोषी पाकर सश्रम आजीवन कारावास और 60000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना वसूल होने पर आधी धनराशि मृतक की पत्नी पूनम यादव को मिलेगी। न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त दयाराम, मोहनलाल उर्फ हीरालाल, मीना देवी ,सुशीला देवी और नन्ही देवी को दोषमुक्त कर दिया।