कासगंज : तुलसी जन्मभूमि मामले में पीएम और सीएम को भेजा ज्ञापन, युगपुरुष गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मभूमि शूकरक्षेत्र सोरों ही है-प्रो0 योगेन्द्र मिश्र

सोरों सूकरक्षेत्र । राजापुर को तुलसी जन्मभूमि के नाम से विकास योजना की घोषणा किए जाने से सोरोंजी पक्ष के विद्वानों में आक्रोश है। भारत सरकार नगर विमानन मंत्रालय के हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य प्रोफेसर योगेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सोरोंजी शूकरक्षेत्र गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि है। उन्होंने पीएम, सीएम एवं प्रदेश के पर्यटन मंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि राजापुर को विकास के लिए 21 करोड़ की धनराशि दी है यह अच्छी बात है, लेकिन गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि बताते हुए दी है यह गलत है। उन्होंने कहा हे कि 500 वर्षों के कालखंड में किसी भी शासक (मुगल, अंग्रेज आदि) ने गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मभूमि विषयक विवाद को दूर ही रखा। सब जानते हैं कि गोरखपुर की महती कृपा से एक प्रेस ने किसी दबाव वश गत 50 वर्षों में गोस्वामी तुलसीदास जी को जान-बूझकर राजापुर की तरफ किया गया है। सभी गजेटियर्स सोरों ही तुलसी की जन्मभूमि है की बात करते हैं। हिंदी साहित्य जगत जहाँ आज गोस्वामी तुलसीदास जी की 400 वीं पुण्य तिथि (तुलसी निर्वाण चतुःशती) मना रहा है। एतद्विषयक अनेक तथ्यात्मक विषय फरवरी, 2023 में सम्पन्न 12 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन, फिजी में तुलसी अध्येता के नाते मेरे राम द्वारा रखे गए। जहाँ भारतात्मा श्रीराम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है,वहीं 17 अप्रैल, 2024 को ‘‘श्रीरामचरितमानस की सार्ध चतुःशती‘‘ अर्थात 450 वर्ष पूर्ण होने का प्रारंभवर्ष होगा। ऐतिहासिक प्रधानमंत्री से पुरजोर अपील व सम्प्रार्थना है कि काशी से हुआ हिन्दुत्त्व का शंखनाद 450 वर्ष पहले गोस्वामी तुलसीदास जी ने ही विश्व के समक्ष किया। आज करोड़ों जनों के कंठ में नित्य पाठ के रूप में श्री हनुमान चालीसा गाया जाता है। जहाँ सामाजिक संगठन वीर शिवाजी का 350 वाँ राज्यारोहण, महावीर की 2525वीं जयंती, रानी दुर्गावती की, गुरु नानक जी की तिथियों को बड़े उल्लास से मना रहा है। भारत सरकार की ओर से स्वामी दयानंद जी की 200 वीं जयंती को भव्यता से मनाए जाने वास्ते 97 सदस्यीय समिति का मा. राष्ट्रपति ने अधिसूचना निर्गत की है।
अतः ’‘‘तुलसी निर्वाण चतु:शती व श्रीरामचरितमानस सार्ध चतुःशती‘‘ पर एक विस्तृत कार्य योजना आपश्री’ को अविलंब प्रेषित करूँगा। जनवरी, में आपका काशी आगमन प्रस्तावित है, चाहूँगा मिलने का समय सुलभ हो, आपको तुलसी विषयक ज्ञापन पत्र हस्तगत करा सकूँ। तुलसी जन्मभूमि व मानस भूमि ‘‘शूकरक्षेत्र सोरों (कासगंज) में गोस्वामी तुलसीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय,साध्वी रत्नावली राजकीय महिला विश्वविद्यालय स्थापित हो।
मिश्र ने अवगत कराया है कि ’तुलसी की 400 वीं निर्वाण तिथि पर डाक टिकिट,’ ’श्रीरामचरितमानस सार्ध चतुःशती पर 450 का सिक्का जारी हो। सभी दूतावास तुलसी जयंती मनावें, ऐसी भावित भावना। उत्तरप्रदेश सरकार को आपका वीटो लगे कि तुलसी जन्मभूमि का निर्णय सरकार तत्काल रोके । क्यों कि सभी गजेटियर बताते हैं कि सोरोंजी शूकरक्षेत्र ही गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि है। उन्होंने कहा कि सरकार सोरोंजी को तुलसी जन्मस्थली घोषित करे क्योंकि इसके सभी प्रमाण मौजूद हैं।

संवाददाता : मीनू सक्सेना