कासगंज : जिले में ऑनलाइन क्रिकेट मैच में पैसा हार जाने पर लूट की झूठी कहानी गढ़ना युवक को मंहगा पड़ गया.पुलिस ने मामले की गहनता से छानबीन करते हुए युवक के द्वारा रची गयी लूट की झूठी घटना का खुलासा करते हुए युवक को गिरफ्तार किया है.वहीं युवक के पास से 50 हज़ार रुपये भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं. दरअसल पूरा मामला कासगंज कोतवाली के ग्राम अर्रूआ का है जहां दिनांक 17 जनवरी 2023 को हरिश्चंद्र पुत्र तिरुमल सिंह भारतीय स्टेट बैंक शाखा कासगंज से ₹95000 निकाल कर अपने गांव आ रहा था तभी ग्राम किलोनी रफतपुर के पास बिना नंबर प्लेट पल्सर सवार दो लोगों ने हरिश्चंद्र से रुपयों से भरा थैला लूट कर भाग गए.घटना के बाद युवक हरिश्चंद्र के पिता तिरुमल ने मामले में थाने में मामला दर्ज कराया था.तभी से पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही थी. पुलिस की जांच में जो बात निकल कर सामने आई उस जांच ने पीड़ित को ही आरोपी बना दिया.घटना का खुलासा करते हुए कासगंज के अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र दुबे ने बताया कि पीड़ित हरिश्चंद्र पूछताछ में संतोषजनक जानकारी न दे सका.पुलिस ने पीडित के बैंक खाते का दिनांक 16 जनवरी 2023 से लेकर 18 जनवरी 2023 तक का स्टेटमेन्ट निकलवाया तो दिनांक 17 जनवरी 2023 को पीड़ित के खाते में मात्र ₹56,690 रुपये थे जिसमें दिनांक 17 जनवरी 2023 को ही पीड़ित द्वारा पांच बार में 40,000 रूपये निकाले गये है फिर इसके बाद खाते में दो बार 20-20 हजार रूपये जमा किये गया.इसके बाद 50,000 रूपये निकाले गये है और 5000 रूपये ट्रान्सफर किये गये है.इन सब ट्रान्जेक्सनों के बारे में जब पीड़ित हरिश्चंद्र से पूछा गया गया वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका जिसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो पीड़ित हरिश्चंद्र ने बताया कि मेरे खाते में ₹56,690 रूपये थे मैं पैसों से आनलाइन क्रिकेट मैच खेलता था जिसमें मैं पैसे हार गया हूँ.पुलिस द्वारा जब 95,000 रूपये के बारे में पूछा गया तो हरिश्चन्द्र ने बताया कि साहब 40,000 रूपये मैंने 2 बार में 20-20 हजार रूपये करके अपने खाते में जमा कर दिये शेष 50,000 रूपये मैने अपने पास छुपा रखे है मुझ पर लोगों का कर्जा हो गया था इसलिए 50,000 रूपये मैंने घर वालों से छुपाकर रख लिये थे जो पुलिस ने मुझसे बरामद कर लिये हैं.मैंने घर वालों से बचने के लिए झूठ बोलकर लूट की सूचना डायल 112 पर दे दी थी और मेरे पिता तिरमल सिंह ने थाना कोतवाली पर मुकदमा लिखवा दिया था साहब मेरी गलती हो गयी मेरी कोई लूट नहीं हुई है