हसेरन। लगातार हो रही रिमझिम बारिश से कच्चे मकानो के लिए आफत बनी हुई है। कच्चे मकान भर भराकर गिर रहे हैं। एक गांव में कच्चे मकान की छत पर झोपड़ी में सो रहे परिवार बीती रात कच्ची छत गिरने से मलबे में दबने से परिवार के दो बच्चों की मौके पर मौत हो गई जबकि एक घायल हो गया। धड़ाम की आवाज सुनते ही आसपास व गांव के लोगों ने कड़ी मशक्कत कर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। वहीं इसकी सूचना एंबुलेंस व पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची एंबुलेंस ने उपचार के लिए हसेरन सीएससी ले आए। चिकित्सक ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया वहीं उपचार के लिए तिर्वा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। सूचना लगते घर परिवार में कोहराम मच गया। हसेरन क्षेत्र के गोपालपुर गांव में बीती रात कच्चा मकान अचानक भरभराकर गिर गया। कच्चे मकान की छत पर झोपड़ी में सो रहे परिवार के लोग मलवे में दब गए।
आसपास के लोगों ने मलवा हटाकर किसी तरह दबे लोगों को बाहर निकाला। उपचार के लिए सीएससी हसेरन ले गए। जहां चिकित्सक ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया वही उपचार के लिए तिर्वा मेडिकल कॉलेज भेज दिया। गांव निवासी रामदास पुत्र पुत्तू लाल अपने परिवार के साथ कच्चे मकान पॉलिथीन डालकर व झोपड़ी में रह रहे थे। लगातार बारिश होने से कच्चे मकान की छत गिर गई। रामदास अपनी पत्नी फगुना देवी बच्चों विवेक , सरिता , अंजलि और विशाल के साथ मकान की छत पर झोपड़ी में सो रहे थे। परिवार में कुल 6 सदस्य हैं। मलबे में दबने से विवेक उम्र नौ वर्ष , सरिता उम्र 11 वर्ष मौत हो गई। जबकि अंजलि उम्र 12 वर्ष हाथ और पैर से विकलांग है। मलबे में दबने से घायल हो गई। घायल का उपचार तिर्वा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। चारों बच्चे प्राथमिक विद्यालय गांव में ही पढ़ते हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नही है। मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आज तक पीड़ित परिवार को नहीं मिला है। यहां तक की सबसे छोटी योजना शौचालय भी नहीं बना है। यदि पीड़ित परिवार का पक्का आवास होता तो यह घटना आज घटित ना होती। सुबह होते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। दुखी परिवार को सांत्वना बधाने का काम किया। सूचना मिलते ही इंदरगढ़ थाना अध्यक्ष पारूल चौधरी , एडीएम सहित राजस्व टीम मौके पर पहुंची। घटना की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी। आर्थिक मदद दिलाये जाने की बात कही।
कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा