कन्नौज : आलू की फसल के लिए करे संतुलित खाद का प्रयोग ?

जलालाबाद -अनौगी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी कन्नौज द्वारा विकासखंड की ग्राम पचपुखरा में आलू की उत्पादन तकनीक विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ अमर सिंह ने बताया कि किसान भाई आलू की अगेती फसल हेतु अगेती प्रजातियां जैसे कुफरी ख्याति ,कुफरी गरिमा, कुफरी अशोक, कुफरी सूर्या कुफरी पुखराज इत्यादि प्रजातियां का प्रयोग करे साथ ही बताया कि किसान भाई मुख्य फसल की प्रजातियां को अगेती फ़सल के रूप में प्रयोग न करे अन्यथा उत्पादन प्रभावित होगा l साथ ही बताया कि किसान भाई अगेती फसल फसल हेतु आलू को काटकर कर न बुवाई करें क्योंकि तापक्रम अधिक होने की वजह से आलू के सड़ने की संभावना रहेगी।खाद एवं उर्वरक प्रबंधन की बात करें तो सबसे पहले मिट्टी के परीक्षण के अनुसार ही करें मिट्टी का परीक्षण संभव न हो तो संतुलित खाद एवं उर्वरक प्रबंधन के रूप में 150 किग्रा ,नाइट्रोजन 80 किग्रा, फास्फोरस 80 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा,जिंक सल्फेट 25 किग्रा, सल्फर 40 किग्रा, फेरस सल्फेट प्रति हेक्टेयर प्रयोग करे तथा चेचक नियंत्रण हेतु बीज उपचार तीन परसेंट बोरिक एसिड एवं भूमि उपचार ट्रिकोडरमा 5 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग की सलाह दी l इसी क्रम में केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार ने अपने विचार व्यक्त किये इस कार्यक्रम में लगभग 50 किसानो ने प्रतिभाग किया।

कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा

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