कन्नौज। कभी कभी गरीबी और आर्थिक हालत इस कदर खराब हो जाते हैं, कि खुद स्वयं और परिवार के सदस्यों का भरण पोषण करना इंसान के लिये बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे हालातों में कुछ जीवन को चुनौती समझ कर लड़ते हैं, वहीं कुछ मौत का रास्ता चुन लेते हैं। ऐसी ही एक दुखद घटना कन्नौज जिले के कोतवाली तिर्वा के गांव सुक्खापुर्वा गांव में घटित हुई। गांव के निवासी रामशंकर का पुत्र 50 वर्षीय अवधेश उर्फ बबलू के परिवार की आर्थिक स्थित बीते काफी समय से काफ़ी दयनीय थी। कहीं किसी से उधार रुपये लेकर तो कहीं घर का सामान गिरवी रखकर बबलू अपना और अपने परिवार का पेट पालता था। बबलू के परिवार में उसकी दो बेटियां जिनमें रोशनी और लवली हैं, इसके अलावा पत्नी किरन के अलावा दीपक, सौरव और कृष्णा पुत्र हैं। रोशनी की शादी हो चुकी है। परिवार में पत्नी और बच्चों का पेट पालने के लिये कहीं फल की ठिलिया लगाकर तो कहीं मजदूरी करके पेट पालने वाला बबलू उधारी के तकादे से भी तंग था। परिवार के दयनीय हालत की बात करें तो पता चला कि, कई कई रोज परिवार में खाना तक नहीं बनता था, ग्रामीण इस परिवार की अक्सर मदद किया करते थे। बीते शुक्रवार की दोपहर अपने आर्थिक हालातों से तंग आ चुके बबलू ने मौत का रास्ता चुन लिया। गांव में ही स्व.रामेश्वर दयाल की आम की बगिया में पेड़ की डंगार से अंगौछे का फंदा बनाकर बबलू फांसी के फंदे से झूल गया। बगिया के पास से गुजर रहे गांव के एक युवक की नजर जब फांसी के फंदे से लटक रहे बबलू पर पड़ी, तो उसके होश उड़ गये। युवक ने घटना की सूचना गांवों में दी, तो परिजनों से लेकर ग्रामीणों का मजमा घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। मामले की सूचना से तिर्वा कोतवाली पुलिस को भी अवगत कराया गया। बीती सायं पुलिस ने घटना में जांच पड़ताल और आवश्यक कार्यवाही करते हुये मृतक के शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल भिजवाया। यहां पोस्टमार्टम ना हो पाने के कारण मृतक का शव मोर्चरी में रखवा दिया गया। शनिवार को मृतक का पोस्टमार्टम किया गया। जिसके बाद परिजनों को मृतक का शव सौंप दिया गया। शनिवार को ग्रामीणों और परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार किया। बबलू की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार में एक बेटी और तीन छोटे बच्चों से लेकर पत्नी के सामने जीविका चलाने के लाले पड़ चुके हैं।
ग्रामीणों ने शासन से पीड़ित परिवार की मदद की गुहार लगाई है।
कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा