जलालाबाद। कृषि विज्ञान केंद्र, अनौगी द्वारा ग्राम जलालाबाद में समूह की महिलाओं को मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिनांक 30-31 अगस्त 2024 को कराया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य समूह की महिलाओं में कौशल विकसित कर आत्म निर्भर बनाना रहा। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ चंद्रकला ने बताया कि मोमबत्ती उत्पादन एक ऐसा उद्योग है जिसे घर बैठे कुटीर उद्योग की तरह आसानी से किया जा सकता है। रंग – बिरंगी और खूबसूरत मोमबत्तियाँ अपनी ख़ूबसूरती व झिलमिल रोशनी से सभी का मन मोह लेती हैं।यही कारण है कि मोमबत्ती उद्योग ग्रामीण स्तर से लेकर शहरों तक अपनी पहुँच बना चुका है। इस क्षेत्र में स्वरोज़गार की संभावनाएँ अधिक है महिलाएँ इससे जुड़कर अपना रोज़गार शुरू कर सकती हैं व अपने परिवार की आमदनी बढ़ाने में मदद कर सकती है। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा घरेलू उद्योग है जिसे कम पूँजी में शुरू किया जा सकता है।इसमें अधिक मैन पवार की आवश्यकता नहीं होती यह घर के व्यक्तियों के सहयोग से आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए बहुत जगह की भी ज़रूरत नहीं होती इसे घर के किसी भी कोने में शुरू किया जा सकता है। डॉ यादव ने बताया कि इसे बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में
पैराफ़ीन मोम व सूत की बत्ती की ज़रूरत होती है और यह किसी भी अच्छे बाज़ार में मिल जाता है। इसके अलावा डिज़ाइनर मोमबत्ती बनाने के लिए जेल मोम, ख़ुशबू के लिए परफ़्यूम, कलर, पत्थर आदि की आवश्यकता होती है।इन मोमबत्तियों को बनाकर दिवाली के सीजन में अपने आस – पास के बाज़ार में आसानी से बेचकर आमदनी की जा सकती है।कार्यक्रम में समूह की 25 महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा