कन्नौज। फाइलेरिया मुक्ति अभियान को सफल रूप से संचालित करने के लिये व दवा सेवन के प्रतिशत को बढ़ाए जाने के लिए राजकीय इंजिनियरिंग कॉलेज एवम राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में बच्चों एवम अध्यापकों को जागरूक करते हुए दवा का सेवन कराया गया। पीसीआई इंडिया संस्था के जिला समन्वयक सुनील गुप्ता की नेतृत्व में चिकित्सा अधीक्षक उमर्दा डॉ० राजन शर्मा, बीसीपीएम उमर्दा सुभाष कुमार नीरज ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बच्चों एवम अध्यापकों को फाइलेरिया रोग से बचाव के जागरूक करते हुए सामने ही दवा का सेवन कराया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ० राजन शर्मा एवं पी०सी०आई संस्था के जिला प्रतिनिधि सुनील गुप्ता ने आईपीसी के तहत उपस्थित बच्चों एवम अध्यापकों को फाइलेरिया रोग के विषय में जागरूक करते हुए बताया कि फाईलेरिया रोग मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है । यह संक्रामक रोग है। जिसे आमतौर पर सामान्यत: हाथीपाँव के नाम से जाना जाता हैं । समय रहते हुए अगर दवा सेवन न किया जाए तो यह बीमारी विकराल रूप धारण करते हुए विकलांगता का कारण भी बन जाती हैं । फाइलेरिया रोग की पहचान लक्षणों के आधार पर की जा सकती है । जैसे- पैरों व हाथों में सूजन और हाइड्रोसील(अंडकोष में सूजन),किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 5 से 15 वर्ष तक लगजाते है। यह दवा 2 वर्ष की आयु से कम, गर्भवती महिलाओं एवं गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़ कर 2 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन डीए की उपस्थिति में ही करना है। यह दवा खाली पेट किसी को नहीं खानी है। हरपात्र को दवा का सेवन डीए के सामने ही करना है। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा