जौनपुर: ईदगाह कमेटी ने फारूके आजम हजरत उमर की शहादत पर लगाया ईदगाह मे दो दर्जन पेङ

जौनपुर,
मुहर्रम का चांद नजर आते ही इस्लामी नववर्ष 1441 शुरु होने के मौके पर मछली शहर पङाव स्थित ऐतिहासिक शाही ईदगाह में विशेष दुआ कराई गई। इस दौरान इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक रजी0 को भी याद किया गया।

काबिले जिक्र है कि एक मुहर्रम के दिन ही हजरत उमर फारूक शहीद हुए थे। इस मौके पर मीडिया प्रवक्ता रियाजुल हक ने कहा कि हमारी दुआ है कि इस्लामी नववर्ष दुनिया भर के लिए अमन-भाईचारे वाला रहे। उन्होंने मुसलमानों के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक रजी0 की जीवनी पर रोशनी डालते हुए कहा कि विश्व भर में आज भी उमर-ए-फारूक का इंसाफ मिसाल है। फारूकी दौर में ही दुनिया भर के इंसानों के लिए अहम फैसले किए गए, जिससे इंसानियत का सर बुलंद हुआ।

नेयाज ताहिर शेखू ने कहा कि हजरत उमर फारूक की जीवनी हम सब के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। फारूकी दौर दुनिया में आज भी याद किया जाता है। मो शोएब ने कहा कि मुहर्रम का चांद नजर आते ही इस्लामी नव वर्ष का आगाज हो गया है। आने वाली 10 तारीख को यौम-ए-आशूरा का दिन मनाया जाएगा। आशूरा का दिन इस्लाम में बहुत अहमियत रखता है। इसी दिन प्यारे नबी हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैही वसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन रजीअल्लाह अनहु ने मैदान-ए-करबला में सच्चाई का परचम बुलंद करते हुए शहादत का जाम पिया था। इस मौके पर शाही ईदगाह मे पेङ लगाया गया।