जौनपुर/सुथईकला: सरदार वल्लभ भाई पटेल की मनाई गई जयंती, सांसद राम शिरोमणि वर्मा व बाबूसिंह कुशवाहा ने उपस्थित लोगों को किया संबोधित

जौनपुर-जिले के सुईथाकला विकास क्षेत्र के रूधौली गांव में स्थित समला देवी इण्टर कालेज प्रांगण में लौह पुरुष,भारत रत्न,आधुनिक भारत के निर्माता, अखंड भारत के शिल्पकार, एकता के प्रति मूर्ति,भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती का आयोजन सरदार पटेल जयन्ती आयोजन समिति के द्वारा किया गया|कार्य क्रम का प्रारम्भ करने से पहले सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए किया गया|इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में श्रावस्ती सांसद राम शिरोमणी वर्मा व जौनपुर सदर सांसद बाबू सिंह कुशवाहा मौजूद रहे| कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद श्रावस्ती राम शिरोमणी वर्मा ने सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत देश की एकता के सूत्रधार थे|ऐसे महापुरुष को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है|गृह मंत्री बनने के बाद भारतीय रियासतों का विलय की जिम्मेदारी उनको सौंपी गई थी|उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी से करते हुए छोटी-बड़ी रियासतों को भारत में विलय कराया|देश के एकता के सूत्रधार थे भारत की राजनीतिक इतिहास में सरदार पटेल का बड़ा योगदान था|जिसको कभी हम सभी लोग भूला नहीं सकते |सरदार पटेल नवीन भारत के निर्माता के राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी थे देश के विकास में सरदार पटेल का महत्व को सदैव याद रखा जाएगा देश को स्थापित करने में सरदार पटेल की अहम भूमिका रही|इसी क्रम में सदर सांसद बाबू सिंह कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा की सरदार पटेल ने देश की आजादी के संघर्ष में उन्होंने जितना योगदान दिया|उससे ज्यादा योगदान उन्होंने स्वतंत्र भारत को एक करने में दिया भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने के कारण सरदार पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक गौरव पूर्ण स्थान प्राप्त किया था| वास्तव में वे आधुनिक भारत के शिल्पी से उनके कठोर व्यक्तित्व में संगठन कुशलता राजनीतिक तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अटूट निष्ठा थी उनके ईमानदारी के कारण विश्व के राजनीतिक मानचित्र में उन्होंने अनोखा स्थान बना लिया |भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान था स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल देश के उप प्रधान मंत्री,गृह मंत्री,सूचना प्रसार मंत्री रहे इससे भी बढ़कर उनकी ख्याति भारत के रजवाड़ों को शांतिपूर्ण तरीके से भारतीय संघ में शामिल करने तथा भारत की राजनीति की एकीकरण के कारण सरदार पटेल ने भारतीय संघ में उन्हें रियासतों का विलय किया जो सबसे प्रभुता प्राप्त थी| उनका अलग झंडा और अलग शासक था आज देश को फिर सरदार पटेल जैसा नेता की आवश्यकता है वर्तमान परिवेश में देखा जाए तो इस समय केंद्र व प्रदेश में चलने वाली सरकार पूरी तरह से विफल है और महापुरुषों के नाम पर राजनीति कर रही है सरदार पटेल के विचारधाराओं पर कार्य करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनेता को सरदार पटेल से सीख लेनी चाहिए|कार्यक्रम में आये तमाम वक्ताओं ने भी सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला| इस कार्यक्रम के दौरान जितेन्द्र वर्मा,विनय कुमार वर्मा,महेश वर्मा,बिन्दे वर्मा,रामसिंह वर्मा,अजीत वर्मा,जयनाथ वर्मा,रामा नन्द निषाद,सिन्टू वर्मा,विकास वर्मा,तनवीर,त्रिभुवन यादव,कृष्ण चन्द्र निषाद,धीरज यादव,अरविन्द सिंह पटेल,पवन मौर्य,सिद्धार्थ पटेल,रविन्द्र निषाद,गोरे लाल वर्मा,अंकित वर्मा,सोनू पटेल,विनीत पटेल,जय चन्द्र वर्मा सहित तमाम लोग मौजूद रहे|कार्यक्रम का संचालन हरिराम वर्मा व अध्यक्षता चन्द्र भान वर्मा रहे|

Note : News file photo

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