जौनपुर: पराली जलाने पर मृदा एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को सभी जानते है, इसके बावजूद खेतो में पराली जलाने के मामले कम नही हुये। अब तक जनपद में पराली जलाने वाले सोलह कृषकों से रू0 40000.00 मात्र का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से रू0 20000.00 मात्र की वसूली हो गई है। कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन में एसएमएस न लगाने वाले किसानो पर भी कड़ाई की गई है। अब तक दो कम्बाईन हार्वेस्टर जब्त किये गये है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अपील पर जनपद के किसानो के द्वारा गो आश्रयो में पराली दान करने पर उन्हे सम्मानित किया गया है। सरोजा देवी ग्राम प्रधान सरसौड़ा, धर्मापुर, शेरबहादुर, सियाराम, रामदीन ग्राम-सिधाई, शाहगंज, तथा सुरेन्द्र सिंह, नवनीत सिंह, ग्राम जासोपुर, करंजाकला द्वारा लगभग 20कु0 पराली गोआश्रयो में दान की गई है, जिनके इस सराहनीय कार्य के लिये सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी ने किसानो से अपील करते हुये कहा है कि पराली व अन्य अवशेष के जलाये जाने से उठने वाले धुएं से वातावारण पर बुरा असर पड़ रहा है। किसान अपने खेतो में पराली कदापि न जलाये बल्कि ग्राम प्रधान व सचिव के सहयोग से गोआश्रयो में दान करें जिससे पशुओ को चारा उपलब्ध हो साथ ही समय से खेत की बुवाई हो सके। प्रभारी उप कृषि निदेशक के0के0 सिंह ने बताया कि पराली जलाने के दुष्प्रभाव को देखते हुये राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन0जी0टी0) ने दण्डात्मक कानून बना दिया है, जिसमें एक एकड़ तक पराली जलाने पर रू0 2500.00, दो एकड़ वाले कृषको पर रू0 5000.00 तथा दो एकड़ के उपर के कुषको पर रू0 15000.00 तक का जुर्माना लगाने का प्राविधान किया है।
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