जौनपुर:जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर विवेक विक्रम जी ने जिला जेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान महिला बैरक में महिला बन्दियों की समस्याएं तथा जेल अस्पताल में भर्ती बन्दी मरीजों का हाल-चाल पूछा गया। बन्दियों को विधिक एवं मौलिक अधिकारों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। ऐसे विचाराधीन बन्दी जो अपने वादों में पैरवी हेतु अधिवक्ता करने में अक्षम है तथा ऐसे सिद्धदोष बन्दी जो अपने मामलों में उच्च न्यायालय में अपील करने में अक्षम हों वह कारागार अधीक्षक के माध्यम से अपने प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत कर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं। कैदियों के नाबालिक होने की संभावना को देखते हुए जन्म प्रमाण पत्र मंगवाने की सलाह दी गयी।समयपूर्व रिहाई के पात्र बन्दियों को चिन्हित कर उनके प्रार्थना पत्र तैयार कर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जिला कारागार में कुल 1333 बन्दी है, जिनमें 188 पुरूष तथा 07 महिला सिद्धदोष बन्दी हैं तथा 979 पुरूष तथा 68 महिलाएॅं एवं 60 अल्पवयस्क विचाराधीन बन्दी हैं। कारागार में निरूद्ध महिला बन्दियों के साथ कुल 13 बच्चे हैं। महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों के नाश्ता, भोजन आदि की उपलब्धता के सम्बन्ध में पूॅंछे जाने पर महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि बच्चों को समय से नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराया जाता है। जेल अस्पताल के निरीक्षण में साफ-सफाई में कमियों की तरफ इंगित करते हुए साफ-सफाई की व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने हेतु जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया। अधीक्षक द्वारा यह भी बताया गया कि बन्दियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु जिला चिकित्सालय से चिकित्सकों की एक टीम का गठन भी किया गया है जिनके द्वारा प्रत्येक बुधवार को बन्दियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक एस0के0 पाण्डेय, जेलर, कुलदीप सिंह भदौरिया, डिप्टी जेलर, धर्मेन्द्र सिंह व श्रीमती सुषमा शुक्ला, चिकित्सा अधिकारी डा0 रविराज, फार्मासिस्ट सतीश कुमार गुप्ता तथा जेल पी0एल0वी0 गण व अन्य उपस्थित रहे।