जौनपुर:जिला शाक्य मौर्य सभा कार्यालय पर जिला शाक्य मौर्य सभा के अध्यक्ष प्रेमचंद मौर्य द्वारा देश की पहली महिला शिक्षिका और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले का जन्म दिन मनाया गया।प्रेम चंद मौर्य ने लोगो को संबोधित करते हुए बताया की माता सावित्री बाई फुले का जीवन सिर्फ लड़कियों को पढ़ाने और नारी समाज को ऊपर उठाने में लगा दिया.उनके समय में महिलाओ के साथ काफी भेदभाव होता था।महिला चाहे सवर्ण हो या दलित उनको पढ़ने लिखने का अधिकार नही था।आज अपने देश की महिला अपने देश के साथ साथ विदेशी में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं आज महिला डॉक्टर है,वकील है, जज है,वैज्ञानिक है,राजनीति में सक्रिय है इन सब का श्रेय माता सावित्री बाई फुले को जाता है। उस समय बाल विवाह प्रथा के कारण सावित्री बाई फुले के विवाह मात्र नव वर्ष की उम्र में तेरह वर्ष के कोइरी जाति के ज्योतिबा फूले से कर दिया गया था।सावित्री बाई फुले 17 साल की छोटी सी उम्र में ही लड़कियों को शिक्षित करना शुरू किया था. सावित्रीबाई ने लड़कियों के लिए पहला स्कूल 1848 में खोला. सावित्रीबाई ने लड़कियों के लिए कुल 18 स्कूल खोले. सावित्रीबाई हर जाति जिसे समाज पढ़ाई-लिखाई के काबिल नहीं समझता था. उन सभी तबकों की लड़कियों को शिक्षित किया. इसलिए उन्हें भारत की पहली महिला अध्यापिका कहा जाता है.इस अवसर पर मुख्य रूप से मौर्य शाक्य सभा के कोषाध्यक्ष राम सकल मौर्य,लोक मंगल दल के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार मौर्य,कार्यालय प्रभारी प्रमोद कुमार मौर्य,पूर्व जिला पंचायत प्रत्यासी रमेश कुमार मौर्य,d दस्तक 24 के ब्यूरो चीफ पंकज कुमार मौर्य,सुधीर कुमार मौर्य,राम बुझारत आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।